अगर आपको पता चले कि आज प्रधानमंत्री के नाम पर बने नमो एप डाउनलोड करने वाले हैं और उस एप ने आपके मोबाइले से ईमेल, उसकी बातचीत, फोटो सहित बाकी सारी जानकारी उठाकर किसी तीसरे को दे दिया तो है क्या आप एक बार के लिए सतर्क नहीं होंगे। एप डाउनलोड करने में कई बार आप और हम ही सहमति देते हैं, मगर क्या यह तर्क काफी है आपकी सारी बातें किसी और के हवाले कर देने के लिए?

प्रधानमंत्री ने तो इतना कहा कि नमो एप डाउनोड कर लीजिए। क्या उन्होंने बताया कि आपके डाउनलोड करने पर हम सारी जानकारी ले लेंगे और किसी तीसरे को देंगे जो आपकी प्रोफाइल तैयार करेगा और फिर चुनावों में या किसी और वक्त के लिए आपको फिक्स किया जाएगा?

बाकी डेटा तो इस तरह का डाका डालते ही हैं, प्रधानमंत्री के नाम से बना डेटा ही अगर प्राइवेसी के मानक पर खरा नहीं उतरेगा तो फिर क्या बचेगा। हमें नहीं पता कि भीम एप डाउनलोड करने पर या किसी और सरकारी एप को डाउनलोड करने पर आपकी कितनी गुप्त बातें सरकार के पास चली जाती होंगी।

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