भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में आज नेशनल सिटिज़न रजिस्टर यानी NRC की फाइनल लिस्ट जारी कर दी गई है। इस लिस्ट में 19 लाख 6 हज़ार 657 लोग अपनी जगह नहीं बना पाए हैं।
एनआरसी के स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने बताया कि 3 करोड़ 11 लाख 21 हज़ार लोगों का एनआरसी की फाइनल लिस्ट में जगह मिली और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया। जो लोग इससे संतुष्ट नहीं है, वे फॉरनर्स ट्रिब्यूनल के आगे अपील दाख़िल कर सकते हैं।
फाइनल असम एनआरसी लिस्ट में भारतीय सेना से रिटायर्ड जूनियर कमिशंड ऑफिसर (जेसीओ) मोहम्मद सनाउल्लाह का नाम भी शामिल नहीं किया गया है। लिस्ट में सनाउल्लाह के साथ ही उनकी दोनों बेटी और एक बेटे का नाम भी नहीं है, हालांकि सनाउल्लाह की पत्नी का नाम इसमें शामिल है।
मोहम्मद सनाउल्ला को इस साल मई के महीने में ट्रब्यूनल की तरफ से विदेश घोषित कर असम के एक डिटेंशन कैम्प में भेज दिया था। जिसके बाद गुवाहाटी हाईकोर्ट की तरफ से उन्हें राहत मिली। हालांकि, हाईकोर्ट ने फॉरनर्स ट्रब्यूनल के पहले के आदेश को निरस्त नहीं किया, जिसें सनाउल्लाह को विदेशी करार दिया गया है।
हाईकोर्ट ने कहा कि इस याचिका पर सुनवाई आगे जारी रहेगी। मोहम्मद सनाउल्ला के पास अपील करने के लिए केवल 120 दिन हैं। 31 दिसंबर, 2019 अपील दाखिल करने की अंतिम तिथि है।
लिस्ट में नाम शामिल न होने पर सनाउल्लाह ने कहा, ‘मैं सूची में अपना नाम शामिल होने की अपेक्षा नहीं कर रहा था क्योंकि मेरा मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। मेरी न्यायालय पर पूरी आस्था है और मुझे पूरा विश्वास है कि मुझे इंसाफ मिलेगा।’
52 वर्षीय सनाउल्लाह ने साल 1987 में भारतीय सेना को ज्वाइन किया था। सनाउल्लाह भारतीय सेना की ओर से कारगिल जैसा अहम युद्ध लड़ चुके हैं। जिसके लिए उन्हें राष्ट्रपति पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है।