भाजपा शासित उत्तर प्रदेश कोरोना संक्रमण की वजह से हालात बद से बदतर होते चले जा रहे हैं। राज्य में सत्तारूढ़ योगी सरकार कोरोना महामारी के लिए किए गए इंतजामों को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर है।
उत्तर प्रदेश में अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए जगह नहीं है। राज्य में कोरोना वैक्सीन के साथ-साथ अब राज्य में ऑक्सीजन और एम्बुलेंस की भी कमी आ गई है।
अभी खबर सामने आई है कि उत्तर प्रदेश में रिटायर्ड जज रमेश चंद्रा की पत्नी की कोरोना संक्रमण के दौरान इलाज ना हो पाने से मौत हो गई है।
जिसके बाद रिटायर्ड जज रमेश चंद्रा ने एक पत्र के जरिए अपना दर्द बयां किया है। उनका ये पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि वह और उनकी पत्नी मधु चंद्रा दोनों कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। गुरुवार सुबह उनकी पत्नी का निधन हो गया है।
अपना दर्द बयां करते हुए रमेश चंद्रा ने इस पत्र में बताया है कि उन्होंने बुधवार को लगातार प्रशासन द्वारा उपलब्ध करवाए गए नंबरों पर बहुत बार फोन किया। लेकिन ना तो कोई घर पर दवा देने आया ना ही अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए एम्बुलेंस भेजी गई।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश प्रशासन की लापवाही की वजह से ही उनकी पत्नी मधु चंद्रा का निधन हुआ है। आज स्थिति यह है कि उनके शव को उठाने वाला भी कोई नहीं है। कृपया मेरी मदद की जाए।
इस वक्त लखनऊ में स्वास्थ्य व्यवस्था का बहुत बुरा हाल हो चुका है। अस्पतालों में बेड की तंगी आ गई है और एंबुलेंस समय पर उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
जिसकी वजह से लगातार कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों के आंकड़े बढ़ रहे हैं। आपको बता दें कि बुधवार को लखनऊ में लगभग 55 सौ मरीजों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की गई है।