प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवम्बर 2016, को नोटबंदी की घोषणा करते हुए कहा था कि ये कदम कालेधन को खत्म करने के लिए हैं। लेकिन जिस तरह के तथ्य सामने आ रहे हैं उससे लग रहा है ये कदम कालेधन को ख़त्म करने के लिए नहीं बल्कि उसे सफ़ेद करने के लिए उठाया गया था।

एक आरटीआई में ये खुलासा हुआ है कि नोटबंदी के बाद गुजरात के उन सहकारी बैंकों में सबसे ज़्यादा पैसा जमा कराया गया जिनके अध्यक्ष भाजपा नेता थे। सहकारी बैंक किसी भी संस्था द्वारा शुरू किये जाते हैं। इनके प्रशासन में अक्सर राजनेता होते हैं।

मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता मनोरंजन राय ने इस संबंध में सरकार से जानकारी मांगी थी जिसके आधार पर मिली जानकारी के तहत गुजरात कांग्रेस दावा कर रही है कि 10 नवंबर 2016 से लेकर 14 नवंबर 2016 तक गुजरात के जिन 10 बैंकों में करोड़ों रुपए के पुराने नोट बैंकों में जमा कराए गए थे, उस बैंक के चेयरमैन, प्रेसिडेंट और डायरेक्टर सभी भाजपा के नेता ही रहे हैं।

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इस रिपोर्ट के बाद गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोषी ने सरकार से इस मामले की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद गुजरात से आते हैं और उनके नोटबंदी के ऐलान के बाद उनकी ही पार्टी के नेताओं के बैंकों में पैसा जमा कराया गया। इस पूरे मामले की जांच की जाना चाहिए।

ये हैं वो बैंक

इन बैंकों की सूची में सबसे ऊपर अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (एडीसीबी) है, जिसके निदेशक भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और अध्यक्ष भाजपा नेता अजयभाई एच पटेल हैं. इस बैंक में नोटबंदी के दौरान सर्वाधिक 745.59 करोड़ मूल्य के प्रतिबंधित नोट जमा किए गए।

राजकोट के सबसे बड़े को-ऑपरेटिव बैंक राजकोट जिला को-ऑपरेटिव बैंक में शुरुआती चार दिनों के अंदर 693 करोड़ रुपए जमा कराए गए इस बैंक के चेयरमैन जयेश रादडिया हैं जो इस समय गुजरात सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।

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इसी तरह सूरत जिला को-ऑपरेटिव बैंक में शुरुआती 4 दिनों में 369 करोड़ रुपए जमा कराए गए थे और इस बैंक के चेयरमैन भाजपा के नेता नरेश पटेल और प्रभुभाई पटेल हैं।

साबरकांठा डिस्ट्रीक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में 328 करोड़ जमा कराए गए और इसके चेयरमैन भाजपा के नेता महेशभाई पटेल हैं, जबकि डायरेक्टर भाजपा के नेता राजेंद्र सिंह चावड़ा और दूसरे डायरेक्टर के तौर पर प्रफुल्लभाई पटेल हैं।

वैसे ही बनासकांठा डिस्ट्रीक को-ऑपरेटिव बैंक में उन 4 दिनों में 295 करोड़ जमा हुए। इसके चेयरमैन थे तत्कालीन गुजरात सरकार मंत्री शंकर चौधरी।

महेसाना जिला सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में भी 4 दिनों में बड़ी मात्रा में पैसा जमा कराया गया. इस बैंक में 215 करोड़ जमा हुए, जिसमें राज्य के उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल बडे़ पद पर विराजमान हैं।

राज्य के अन्य जिला को-ऑपरेटिव बैंकों में अमरेली जिला सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक, भरुच जिला सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक, वडोदरा जिला सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक, जुनागढ़ जिला को-ऑपरेटिव बैंक और पंचमहल जिला को-ऑपरेटिव बैंक में भी मोटी रकम जमा कराई गई। इन बैंकों के उच्च पदों पर भी भाजपा के नेता ही काबिज हैं।

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