देश में अब बांटने की राजनीति का चलन शुरु हो गया है। कुछ दिनों पहले ही ख़ुद को वीएचपी का कार्यकर्ता बताने वाले अभिषेक मिश्रा ने हिंदू समाज के लोगों से मुसलमानों का आर्थिक बहिष्कार करने की अपील की थी। अब इसी तर्ज़ पर एक बार फिर भड़काऊ भाषण देने वाली साध्वी प्राची ने मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगला है।
दाहा में एक कांवड़ शिविर का उद्घाटन करने पहुंची साध्वी प्राची ने कहा कि हरिद्वार में 99 फीसदी विशेष वर्ग के कारीगर ही कांवड़ तैयार करते हैं, जिनका बहिष्कार हिंदुओं को खुद कांवड़ तैयार कर करनी चाहिए।
इसके बाद साध्वी प्राची ने गंगा जमुनी तहजीब को ख़त्म करने की बात करते हुए कहा कि विशेष वर्ग के धार्मिक स्थलों व शिक्षण संस्थानों में तालीम के बजाए आतंकी पैदा किए जा रहे हैं।
साध्वी प्राची से पहले समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन ने मुसलमानों से अपील की थी कि BJP से जुड़े दुकानदारों से समान न खरीदें। अगर सत्तारूढ़ दल अपने इन ज़हरीलों को ज़हर उगलने की आज़ादी देता है तो देश में हो रहे हर दंगे, मॉब लिं.चिंग की दोषी केन्द्र और भाजपा की राज्य सरकारें भी हैं।
ऐसे बयानों पर बिहार का विपक्षी दल राजद ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने लिखा- अगर सत्तारूढ़ दल अपने इन ज़हरीलों को ज़हर उगलने की आज़ादी देता है तो देश में हो रहे हर दंगे, मॉब लिं.चिंग की दोषी केन्द्र और भाजपा की राज्य सरकारें भी हैं।
अगर सत्तारूढ़ दल अपने इन ज़हरीलों को ज़हर उगलने की आज़ादी देता है तो देश में हो रहे हर दंगे, मॉब लिंचिंग की दोषी केन्द्र और भाजपा की राज्य सरकारें भी हैं! https://t.co/eLfkdxnQls
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) July 25, 2019
अब सवाल उठता है कि क्या वाकई धार्मिक स्थलों के पास धार्मिक सामान बेचने और बनाने वालों से संपर्क ये पूछकर किया जायेगा कि वो हिंदू है या मुसलमान? क्या कारोबार में भी अब धर्म धीरे धीरे घुसपैठ करता जा रहा है? इस सवाल का जवाब सिर्फ और सिर्फ ऐसे ताकतों का बढ़ावा देने वाले लोगों से सवाल होना चाहिए की क्या वाकई अब न्यू इंडिया में यही सब होगा?