महाराष्ट्र में किसान सड़कों के रास्ते विधानसभा तक सफ़र तय कर चुका है। किसानों के छाले पड़े पैरों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तैर रही है। कोई उन्हें वामपंथी कह रहा तो कोई हजारों संख्या वाले किसान को एक नाटक बता रही है। मगर क्या किसी ने जानने की कोशिश की ये किसान आखिर हजारों की संख्या में पिछले 6 दिनों से महाराष्ट्र की सड़कों पर क्यों है।
इसका जवाब दिया है ग्रामीण पत्रिकारिता में सरकार का ध्यान आकर्षित करने वाले पी साईनाथ ने, उन्होंने इसके पीछे की असल वजह बताई।
साईंनाथ ने इस पूरे मामले पर दो टूक जवाब देते हुए कहा- सरकार कर्ज की बात तो करती है मगर ये सच नहीं है।
क्योकिं वो नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे लोग बड़ा कर्ज़ आराम से मिल जाता है लेकिन एक किसान को आसानी से 50 हज़ार रुपये का कर्ज़ नहीं मिल पाता है। इसलिए उनकी कर्ज़ माफ़ी तो ऐसी है कि जैसे हमने नल को बंद किया नहीं और जमीन पर पोंछा लगा दिया।
साईनाथ ने कहा कि भाजपा कभी भी किसानों की सरकार नहीं रही है। वो हमेशा से उद्योगपतियों की सरकार रही है यही वजह है सरकार सिर्फ कॉर्पोरेट सेक्टर के आदेशों का पालन करती रही हैं, जो प्रभावशाली तरीके से देश को चला रहे हैं।
साईंनाथ इसका सुझाव देते हुए कहते है कि किसानों की बढ़ती समस्या के लिए एक राष्ट्रीय किसान आयोग का गठन होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा स्वामीनाथन आयोग पर चर्चा होनी चाहिए,कर्ज के मुद्दे पर बात होनी चाहिए और एमएसपी और देश में पानी की कमी को लेकर चर्चा होनी चाहिए। क्योकिं जबतक आप देश की संसद में किसानों की समस्या को नहीं लाओगे तब तक किसान ऐसे ही परेशान रहेगा।