यूपी कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अनूप चंद्र पांडेय को नया निर्वाचन आयुक्त बनाया गया है। पांडेय अगस्त 2019 में अपने पद से रिटायर हुए थे।

रिटायर होने के पूर्व वो यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के मुख्य सचिव बनाया गया है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भी पांडेय बतौर निर्वाचन आयुक्त अपनी भूमिका निभाएंगे। ऐसे में कई लोगों को अनूप चंद्र पांडेय की नियुक्ति पर आपत्ति है।

लोगों का कहना है कि जो शख्स योगी आदित्यनाथ का मुख्य सचिव रह चुका हो, क्या वो चुनाव आयोग में निष्पक्ष रह पाएगा?

सामाजिक कार्यकर्ता साकेत गोखले ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि “केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश कैडर के रिटायर हो चुके आईएएस अधिकारी अनूप चंद्र पांडेय की चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्ति की है। श्री पांडेय को यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ का मुख्य सचिव बनाया गया था।

कथित रुप से अनूप चंद्र पांडेय को रिटायर होने के बाद योगी अपने सलाहकार के रुप में रखना चाहते थे।” साकेत गोखले ने आगे लिखा है कि यूपी में अगले साल चुनाव होने हैं। स्वतंत्र संस्थान!

वहीं यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने इस मामले पर ट्वीटर पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

श्रीनिवास ने अनूप चंद्र पांडेय के ट्वीटर बायो का स्क्रीन शार्ट ट्वीट करते हुए लिखा है कि “भारत के नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त का ट्वीटर बायो देखिए जरा! क्या उत्तर प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं?”

अनूप चंद्र पांडेय ने अपने ट्वीटर बायो में लिखा है, मेंबर, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, यूपी ओवरसाइट कमिटी और पूर्व मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश.

वहीं ट्वीटर पर लगातार अनूप चंद्र पांडेय की योगी आदित्यनाथ के साथ की तस्वीरें वायरल की जा रही हैं। निश्चित तौर पर यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक संकेत हैं।

इस प्रकार से चुनाव आयोग जैसे अति विशिष्ट संस्थान में अपने चहेते अफसरों को बैठाना लोकतांत्रिक व्यवस्था को कलंकित करने जैसा है।

ऐसी नियुक्तियों से क्या पारदर्शी एवं निष्पक्ष चुनाव संभव है? इस तरह से आम लोगों का भरोसा लोकतंत्र पर से डगमगा जाएगा।

पिछले कुछ सालों से भारत में जिस प्रकार से तमाम संवैधानिक संस्थाओं को खोखला एवं लुंज पुंज बनाने का प्रयास किया गया है, अब उसकी कड़ी में शायद चुनाव आयोग भी शामिल हो गया है !

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