मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिलने वाले स्पेशल स्टेटस को वापस ले लिया है। इसके साथ ही, लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग राज्य बनाया गया है। यानि, अब जम्मू कश्मीर विधानसभा वाला केन्द्र शासित प्रदेश होगा जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केन्द्र शासित प्रदेश रहेगा।

गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार का संकल्प पत्र पेश करते हुए कहा कि कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां विधानसभा के चुनाव होंगे। दूसरा लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां एलजी के हाथ में कमान होगी।

सरकार के इस फैसले का समाजवादी पार्टी ने विरोध किया है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद प्रो रामगोपाल यादव ने कहा कि उनकी पार्टी इस फैसले का विरोध करती है। सरकार ने असंवैधानिक तरीके से यह फैसला लिया है।

मीडिया से बातचीत में रामगोपाल यादव ने कहा कि सरकार ने विपक्ष के बात को दबाया और असंवैधानिक तरीके से यह फैसला लिया। अगर सरकार को लगता है कि वह पुलिस के बल पर लोगों की आवाज दबा देगी तो इतिहास गवाह है ऐसा नहीं हो सकता। आज कश्मीर भारत से अलग हो गया।

ग़ौरतलब है कि मोदी सरकार के इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर ने 17 नवंबर 1956 को जो अपना संविधान पारित किया था, वह पूरी तरह से खत्म हो गया है, यानी अब राज्य में भारतीय संविधान पूरी तरह से लागू होगा। जम्मू-कश्मीर को अब विशेषाधिकार नहीं मिलेंगे।

370 के तहत पहले जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति के पास राज्य सरकार को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं था। यानी वहां राष्ट्रपति शासन नहीं, बल्कि राज्यपाल शासन लगता था। अब वहां राष्ट्रपति शासन लग सकेगा। 370 हटने के बाद अब  बाहरी लोगों के जम्मू-कश्मीर में संपत्ति खरीदने पर भी प्रतिबंध नहीं होगा।

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