उत्तर प्रदेश को देश का नंबर वन राज्य बताकर योगी सरकार ने पूरे राज्य में बड़े-बड़े पोस्टर लगवाए हैं। जिसपर सरकार का वो पैसा खराब किया जा रहा है।

जिसे युवाओं के लिए रोजगार उत्पन्न करने और गरीबी खत्म करने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

कोरोना महामारी के दौरान देश के युवा भयंकर बेरोजगारी की चपेट में आ गए हैं। आलम ये है कि बेरोज़गार होने के कारण अब युवा आत्महत्या करने पर उतर आए हैं। खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार में स्थिति काफी गंभीर है।

इस मामले में समाजवादी पार्टी की नेता जूही सिंह ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने युवक द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट को शेयर किया है।

जूही सिंह ने लिखा है कि “चार लाख रोजगार देने का दावा करने वाली उत्तर प्रदेश सरकार इस पत्र को पढ़ ले और शर्म करे, अपनी बेरोजगारी की पीड़ा लिख कर एक युवा ने आत्महत्या कर ली।”

इस सुसाइड नोट में मरने वाले युवक ने लिखा है कि “मैं विकास सिंह पुत्र श्री अनिल सिंह अपने पूरे होशों हवास में फांसी लगाने जा रहा हूँ।

नौकरी न मिलने के कारण मैं ये कदम उठा रहा हूँ। मुझसे अगर कोई भूल हुई हो तो मुझे माफ़ कर दीजियेगा। मैं एक अच्छा बेटा नहीं बन पाया हूँ।”

दरअसल अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले योगी सरकार द्वारा दावा किया गया है कि हमने चार सालों में चार लाख रोजगार दिए है। साल 2020 में ही सरकार द्वारा एक लाख लोगों को नौकरियां देने की बात कही गई है।

योगी सरकार के दावे के मुताबिक, चार सालों में एक लाख से ज्यादा महिलाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। वहीँ 1.30 लाख से अधिक शिक्षकों की भर्ती की गई है।

सच्चाई ये है कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में रोजगार न मिलने की वजह से युवाओं और छात्र संगठनों द्वारा सड़कों पर आकर विरोध प्रदर्शन किए गए हैं।

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