पूरा उत्तर प्रदेश इन दिनों विकास की एक नई कहानी कह रहा है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से लेकर सीएम योगी का क्षेत्र गोरखपुर पानी पानी हो चुका है।
इन दोनों शहरों का जलजमाव से बुरा हाल है। आम नागरिक परेशान हैं और त्राहिमाम मचा हुआ है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है।
बात करें गोरखपुर की तो पत्रकार प्रशांत शुक्ला ने शहर की बदतर हो चुकी स्थिति के बारे में बताते हुए ट्वीट किया है कि गोरखपुर के करीब 25 से ज्यादा मुहल्ले पानी पानी हो चुके हैं। चर्चित गीता प्रेस की हालत यह है कि कार्यालय के अंदर तक पूरा पानी भर चुका है।
वहीं बात करें वाराणसी की तो यहां पर भी स्थिति ऐसी बन चुकी है कि प्राचीन मंदिरों के अंदर तक पानी घुस चुका है और भक्तों का आना मुश्किल हो गया है।
स्वतंत्र पत्रकार रणविजय सिंह ने वाराणसी की स्थिति पर तंज कसते हुए ट्वीट किया है कि “वाराणसी वाले मुफ्त में ही वेनिस का मजा लूट रहे हैं लेकिन कोई उन्हें यानी स्थानीय सांसद नरेंद्र मोदी को धन्यवाद नहीं कह रहा है. ये गलत है !
'स्मार्ट सिटी' बनारस वाले 'मुफ्त' में वेनिस का मजा ले रहे हैं, लेकिन कोई उन्हें 'धन्यवाद' नहीं कह रहा.
ये गलत है! pic.twitter.com/w6Dm4meA9I
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) July 29, 2021
वहीं गोरखपुर के हालातों को दिखाते हुए युवा पत्रकार विवेक शुक्ला ने एक ट्वीट किया है और नगर विधायक के मुहल्ले की तस्वीर अपलोड की है जहां पर महज 40 मिनट की बारिश में विधायक का मुहल्ला जलमग्न हो गया है।
लगभग 40 मिनट की बारिश के बाद गोरखपुर भाजपा नगर विधायक जी का मोहल्ला🙏 pic.twitter.com/18CF8R7zA9
— Vivek Shukla (@VivekshuklaLive) July 29, 2021
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आईपी सिंह ने गोरखपुर में जलजमाव से बनी स्थिति पर सीएम योगी आदित्यनाथ से सवाल पूछा है और कहा है कि क्या मुख्यमंत्री अपने क्षेत्र गोरखपुर का दौरा करेंगे? क्या सीएम योगी नगर आयुक्त को इस स्थिति के लिए जिम्मेवार मानते हुए सस्पेंड करेंगे?
आईपी सिंह ने ट्वीट किया है कि यूपी के दो वीआईपी क्षेत्र हैं. पहला बनारस और दूसरा गोरखपुर. बरसात शुरु होते ही दोनों क्षेत्र वेटिकन सिटी बन गए हैं.
गोरखपुर से लेकर वाराणसी तक के गली, मुहल्लों और चौक चौराहों की स्थिति कमोबेश एक ही है।
भारी जलजमाव की वजह से शहर स्विमिंग पूल में तब्दील हो चुके हैं। सरकारी कार्यालयों से लेकर भगवान के मंदिर तक जलमग्न हो चुके हैं।
सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि जब यूपी के इन दोनों वीआईपी निर्वाचन क्षेत्र की स्थिति यह है तो प्रदेश के बाकी हिस्सों का हाल क्या होगा, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।
विकास के चाहे जितने दावे सरकार की ओर से कर लिए जाए लेकिन हकीकत तो यह है कि जरा सी बारिश होते ही यूपी के विकास की पोल खुल जाती है।