उन्नाव पीड़िता के मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सारे केस उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। कानून के अलावा समाजवादी पार्टी सड़कों से लेकर सोशल मीडिया पर पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए योगी सरकार से लड़ाई लड़ रही है।

सपा ने आज अपने ट्वीटर से ट्वीट करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बलात्कारी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और डीजीपी ओपी सिंह पर जोरदार हमला किया है।

योगी उन्नाव की बेटी के साथ नहीं, MLA के साथ खड़े हैं, SC के फ़ैसले के बाद उन्हें CM बने रहना चाहिए?

समाजवादी पार्टी ने कहा है कि, “इन तीनों के हटे बिना उन्नाव की पीड़ित बेटी को न्याय नहीं मिलेगा।” यूपी की मुख्य विपक्षी पार्टी ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बलात्कारी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और डीजीपी ओपी सिंह को हटाने की मांग की है। ताकि पीड़िता को त्वरित न्याय मिल सके।

बता दें कि उन्नाव गैंगरेप का मामला दो साल पहले का है। ये घटना यूपी में योगी सरकार बनने के बाद हुई थी, लेकिन बीजेपी नित योगी सरकार ने अपने विधायक का हमेशा बचाव किया इसीलिए पीड़िता आज अस्पताल में है। अगर समय पर योगी सरकार ने न्याय किया होता तो पीड़िता के पिता, चाची, मौसी जिंदा होते।

पीड़ित का लगभग पूरा परिवार ख़त्म हो गया है। अब वो खुद अस्पताल में अपनी जिंदगी की लड़ाई लड़ रही है। लेकिन राजनीति करने वाले अपनी सुविधा अनुसार राजनीति चमका रहे हैं। प्रथम द्रष्टया पीड़िता को उसके परिवार से साथ ट्रक से मारने की पूरी कोशिश की गई है। लड़की के चाचा और परिवार ने कुलदीप सेंगर पर मारने का आरोप लगाया है। लेकिन इतने दिनों के भारी विरोध-प्रदर्शन के बाद बीजेपी ने विधायक को पार्टी से निकाला है।

‘कानून व्यवस्था’ पढ़ने में भले ही आम शब्द लगे, मगर कानून व्यवस्था से एक पूरा देश और राज्य संचालित होता है। कानून व्यवस्था का बिगड़ने का मतलब पूरे राज्य में अराजकता का फैलना होता है, इसके परिणाम घातक होते हैं।

उत्तर प्रदेश में इन दिनों कानून व्यवस्था चरमराई हुई है। 17 जुलाई को सोनभद्र में 10 लोगों को दिनदहाड़े गोलियों से भून कर नरसंहार किया गया और बीते रविवार उन्नाव पीड़िता सहित उसके परिवार पर जानलेवा हमला किया गया।

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