जब किसी समस्या का हल इंसान ना निकाल पाए तब कहा जाता है, सम्बंधित चीज भगवान भरोसे है। इन दिनों ऐसा ही कुछ हाल उत्तर प्रदेश का है।
यूपी की कानून व्यवस्था बद-से-बदतर हो चली है, जो मुख्यमंत्री योगी के हाथ में बाहर है। ऐसे में यूपी की कानून व्यवस्था भगवान भरोसे ही है और यहाँ के लोग भी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कानून व्यवस्था पर कोई अंकुश नहीं होने से ही, आगरा में 15 साल की दलित छात्रा संजलि पर पेट्रोल डालकर जलाए जाने की घटना अभी शांत भी नहीं हुई है कि रविवार रात अयोध्या में दो सगी बहनों की हत्या कर दी गई है।
हत्यारों के मंसूबे इतने बुलंद थे कि उन्होंने घर में घुसकर दोनों सगी बहनों की हत्या कर दी गई है। इस हत्या को अंजाम देने वाले अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
वहीं रामराज्य की बात करने वाले योगी आदित्यनाथ के राज में कैंट में एक ठेकेदार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इलाहाबाद में स्कूटी सवार लड़की की हत्या कर दी गई। ये घटनाएँ दर्शाती है कि बेटियों से लेकर कोई आम नागरिक सुरक्षित नहीं हैं।
अपराधियों को जहाँ मौका मिल रहा है वो निर्दोष लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।
योगी राज में लचर कानून व्यवस्था और हत्या-बलात्कार की वारदातों पर समाजवादी पार्टी ने तीखा हमला करते हुए ट्वीट किया है।
समाजवादी पार्टी के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से लिखा गया है कि, “ये सभी हत्याएं बयान कर रही हैं कि आपराधियों के आगे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार घुटने टेक चुकी है। अब तो जागे सरकार।”
बता दें कि, मंगलवार 18 दिसम्बर, आगरा से 20 किमी। दूर लालऊ गाँव के पास दो दबंगों ने स्कूल से वापस लौट रही 10वीं में पढ़ने वाली मासूम बच्ची को पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया था। इस हैवानियत में बच्ची 75 फ़ीसदी तक झुलस गई थी जिसके बाद उसे दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
लेकिन अफसोस कि 36 घंटे तक मौत से जूझने के बाद उसने दम तोड़ दिया। इतने घिनौने अपराध के बावजूद पुलिस के हाथ अब तक ख़ाली हैं। दोनो आरोपी फ़रार हैं और पुलिस सिर्फ़ बयानबाज़ी कर रही है।