पिछले साल उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दंगाइयों की भीड़ का शिकार हुए पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह की शहादत का बीते शनिवार खुलेआम मजाक बना दिया गया। 38 में से 6 आरोपी साढ़े सात महीने के बाद जेल से जमानत पर रिहा होकर शनिवार को बाहर निकले तो उनके साथियों को लगा कि वो अपराधिक मामले में नहीं बल्कि वो आज़ादी की जंग जीतकर आ रहें है।

दरअसल बुलंदशहर हिंसा के आरोपी जीतू फौजी, शिखर अग्रवाल, हेमू, उपेंद्र सिंह राघव, सौरव और रोहित राघव कोर्ट से जमानत लेकर जैसे ही जेल से बाहर आए, हिन्दूवादी संगठन से जुड़े लोग फूल-माला पहनाकर उनका स्वागत करने लगे।

इस दौरान भारत माता की जय, वन्दे मातरम और जय श्री राम के नारे लगाए गए। शिखर अग्रवाल भाजपा युवा मोर्चा के स्याना के पूर्व नगर अध्यक्ष हैं। जबकि उपेंद्र सिंह राघव अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के विभाग अध्यक्ष हैं। घटना से पहले वह विश्व हिंदू परिषद के विभाग अध्यक्ष रह चुके थे।

इंस्पेक्टर सुबोध की पत्नी बोलीं- मेरे पति शहीद हो गए और आज गुनहगारों का स्वागत किया जा रहा है

इस दौरान पूरी घटना का वीडियो किसी ने बना लिया। ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में आरोपियों को फूलों की माला पहनाई जा रही है। कुछ लोग वीडियो रिकॉर्ड कर रहे हैं और कुछ लोग आरोपियों के साथ फोटो खिचवा रहे हैं।

इस मामले पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा- एक बहादुर इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को जान से मारने वाले अपराधियों को ज़मानत कैसे मिल गई? क्या पुलिस वाले अपने साथी का पक्ष न्यायालय सही ढंग से नही रख पाये अपराधियों का स्वागत हमारी व्यवस्था पर ज़ोरदार तमाचा है।

बता दें कि पिछले साल तीन दिसंबर को स्याना के चिंगरावटी गांव में गौकशी की अफवाह के बाद हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली मारकर ह त्या कर दी गई थी। बदमाशों ने सरकारी वाहन और पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था।

इस मामले में यूपी पुलिस ने 38 लोगों को जेल भेजा था। 38 में से 6 आरोपी साढ़े सात महीने के बाद जेल से जमानत पर रिहा होकर शनिवार को बाहर निकले थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here