गुजरात के नर्मदा ज़िले में सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के उद्घाटन का विरोध अब और तेज़ हो गया है।
दरअसल, पटेल की प्रतिमा का विरोध वहां के जनजातीय समुदाय के लोग कर रहे हैं, जिनकी सैकड़ों एकड़ ज़मीन सरदार पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के नाम पर गुजरात सरकार ने हथिया ली है।
इस ज़मीन का सरकार ने लोगों को अबतक कोई मुआवज़ा भी नहीं दिया है। विपक्षी पार्टियों के नेता भी सरदार पटेल का सम्मान करते हुए गुजरात सरकार का विरोध कर रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाने पर लेते हुए सोशल मीडिया पर विरोध किया है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखते हुए कहा कि, “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से पहले नफ़रत की राजनीति करने वाले मोदी जी की एक ‘स्टैच्यू ऑफ डिसयूनिटी’ लगाओ।” संजय सिंह ने गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवानी का एक वीडियो शेयर किया है।
जिसमें जिग्नेश कह रहे हैं कि, “हम सरदार पटेल की प्रतिमा का हम विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि सरदार की प्रतिमा को खड़ा करने के पीछे दूसरे 25 तरीकों को जरिए आदिवासियों को ज़मीनों से खदेड़ा जा रहा है।
सरदार पटेल हमारे देश की एकता और अखंडता के प्रतीक थे लेकिन भाजपा की पूरी राजनीती ही शमशान और कब्रिस्तान और मंदिर बनाम मस्जिद रहा है। वो हमको क्या सिखायेंगे कि सरदार पटेल में देश को क्या सिखाया।”
स्टैचू ऑफ़ यूनिटी से पहले नफ़रत की राजनीति करने वाले मोदी जी की एक "स्टैचू ऑफ़ डीसयूनिटी" लगाओ। https://t.co/TJK9jjKQTu
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) October 30, 2018
वहीं भाजपा प्रतिमा का श्रेय लेने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही, सोशल मीडिया से लेकर सड़कों के किनारे होर्डिंग्स के जरिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। बता दें कि गुजरात के शहरी क्षेत्रों में इस मूर्ति के बनने से लोग बहुत उत्साहित हैं। लेकिन मूर्ति के पीछे की हकीकत कुछ और ही है।
हजारों आदिवासी प्रतिमा का विरोध कर रहे हैं, 31 अक्टूबर यानी मूर्ति के लोकर्पण के दिन करीब 75,000 आदिवासी एक साथ प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं।
इन आदिवसियों का कहना है कि वो गुजरात के महान बेटे सरदार पटेल के खिलाफ नहीं हैं बल्कि सरकार द्वार किए जा रहे दमन और शोषण के खिलाफ हैं।
विरोध कर रहे आदिवासियों का कहना है कि गुजरात सरकार ने विकास ने नाम पर हमारी जमीन तो ले ली लेकिन मुआवजा नहीं दिया। और न ही पुनर्वास करवाया। सरदार पटेल की जयंती पर 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करेंगे।
विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के साधू बेट टापू पर बनी दुनिया की सबसे ऊंची इस प्रतिमा को बनाने में करीब 3000 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
Politics me Tamij ki jarroora nahi Hoti hai kya sahab.ye Tamijdaar neta kisi Ko bhi kuch bhi Kah sakte hai