प्रधानमंत्री मोदी अपने 15वें काशी दौर पर हैं जहां से वो बदलते बनारस की तस्वीर संवारने की बात कर रहे हैं। बाबतपुर हाईवे हो या वाराणसी रिंग रोड फेज वन या वाटर-वे टर्मिनल, पीएम मोदी ये सब कुछ बनारस को देने जा रहे हैं। मगर आधुनिक हो रहे बदलते बनारस में सीवर टैंक की सफाई अभी भी मशीन की जगह इंसान कर रहे हैं।
इसी की वजह से दो लोगों की मौत हो गई।
दरअसल पीएम मोदी के संसदीय शहर वाराणसी में बिना सुरक्षा उपायों के ही मजदूरों को जहराली गैस से भरे सीवर टैंक में उतन पड़ा, जिसकी वजह से उनकी दम घुटने से उनकी मौत हो गई। ये लापरवाही तब हुई जब प्रशासन अपने सांसद और प्रधानमंत्री मोदी का इंतजार कर रहा था।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट एसटीपी का भी पीएम मोदी लोकपर्ण करने वाले थे। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के पंपिंग स्टेशन से जुड़े सीवर टैंक में सफाई करने उतरे मजदूरों की शनिवार(10 नवंबर) को मौत हो गई।
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घटना वाराणसी शहर के चौकाघाट स्थित दीनापुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के पंपिंग स्टेशन की है। दोनों मजदूर रिश्ते में चाचा भतीजा थे।
फ़िलहाल पुलिस ने जल निगम के जूनियर इंजीनियर और ठेकेदार को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया है प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए नवनिर्मित पंपिंग स्टेशन को चालू करने का काम किया जा रहा था।
पुलिस के अनुसार, सफाई के लिए करीब आधा दर्जन मजदूर को टैंक में उतारा गया था। सीवर में ज़हरीली गैस की वजह से दो मजदूर सीवर टैंक में गिर गए। जिसके बाद पुलिस और NDRF की टीम ने मिलकर दोनों शवों को बाहर निकाला। दोनों बिहार के भभुआ जिले बताए जा रही जिनकी पहचान विकास पासवान उम्र 18 साल और दिनेश पासवान 27 उम्र साल के रूप में बताई गई है।
ये हैरान करने वाली ही बात है कि कोर्ट के कई निर्देशों के बावजूद जल निगम ने इतनी संख्या में मजदूरों को टैंक में उतारा, जिसकी वजह से बदलते बनारस की तस्वीर एक बार फिर पीएम मोदी के विकास पर सवालिया निशान छोड़ गई।