कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने आर्थिक मंदी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चिंता यह है कि आरबीआई से लिए गए 1.76 खरब रुपये का इस्तेमाल विज्ञापन में किया जा सकता है, जिससे ये दावा किया जा सके कि देश में कोई मंदी नहीं।

दिल्ली विश्वविद्यालय में बुधवार को अपनी पार्टी की छात्र शाखा एनएसयूआई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए, उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को सिर्फ नारेबाजी में महारत हासिल है। कांग्रेस नेता ने कहा कि आर्थिक मंदी के बारे में मेरी सबसे बड़ी चिंता यह है कि सरकार आरबीआई से मिलने वाले 1.76 ट्रिलियन रुपये विज्ञापनों और संदेशों पर खर्च कर सकती है।

पिछले महीने, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस वित्त वर्ष में सरकार को 1.76 ट्रिलियन रुपये ट्रांसफर करने पर सहमति व्यक्त की। इसमें 2018-19 के 1.23 ट्रिलियन सरप्लस और बैंक की बोर्ड बैठक में अपनाए गए संशोधित आर्थिक पूंजी ढांचे के तहत 52,637 करोड़ रुपये के अतिरिक्त प्रावधान शामिल हैं।

थरूर ने कहा कि मंदी वास्तविक है क्योंकि अर्थव्यवस्था के किसी भी क्षेत्र से कोई सकारात्मक ख़बर नहीं है। उन्होंने कहा, “यह सरकार सिर्फ नारेबाजी करने में माहिर है। मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, सिट डाउन इंडिया, शट अप इंडिया।” उन्होंने मोदी सरकार की विकास और नौकरियों के लिए लाई गई महात्वकांक्षी योजनाओं पर भी तंज़ कसा।

इसके साथ ही शशि थरूर ने एनआरसी को लेकर भी केंद्र सरकार पर धावा बोला। उन्होंने कहा कि आपने ऐसे लोगों का नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं किया है जिनका भारत के अलावा कोई दूसरा घर नहीं है, जो यहीं रह रहे हैं। इसमें कई ऐसे लोग हैं जो 1971 से भारत में रह रहे हैं। शशि थरूर ने कहा कि कई लोगों की जमीन, परिवार, करियर, संपत्ति सबकुछ हमारे देश में है और अब एकदम से आप उन्हें कह रहे हैं कि वह विदेशी हैं।

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