कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ विपक्षी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को भारत प्रशासित कश्मीर के श्रीनगर पहुंचा, लेकिन इन नेताओं को प्रशासन द्वारा एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया। जिसके बाद इन नेताओं को दिल्ली वापस भेज दिया गया।
विपक्ष के प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद, आनंद शर्मा, केसी वेणुगोपाल, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, डीएमके नेता तिरुची शिवा, शरद यादव, टीएमसी के नेता दिनेश त्रिवेदी, एनसीपी नेता माजिद मेमन और सीपीआई महासचिव डी राजा शामिल थे।
ख़बरों के मुताबिक विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल जैसे ही एयरपोर्ट पहुंचा, प्रशासन ने उन्हें आगे जाने से रोक दिया। जिसके बाद एयरपोर्ट पर हंगामा शुरु हो गया। बताया जा रहा है कि इस दौरान विपक्ष के नेताओं के दौरे को कवर करने के लिए एयरपोर्ट पर जुटे मीडियाकर्मियों के साथ भी बदसलूकी की गई। मीडियाकर्मियों के साथ सुरक्षाकर्मियों ने धक्का-मुक्की की और उनके कैमरों को तोड़ दिया।
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बता दें कि विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहली बार राज्य के हालात का जायज़ा लेने और स्थानीय नागरिकों से मुलाकात करने के लिए पहुंचा था। लेकिन प्रशासन ने उन्हें राज्य में एंट्री करने से रोक दिया।
एयरपोर्ट पर मीडियाकर्मियों के साथ हुई बदसलूकी की कश्मीरी नेता शेहला राशिद ने तीखी शब्दों में आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “कश्मीर में पत्रकारों के उत्पीड़न की कड़ी निंदा करती हूं। स्थानीय पत्रकारों का इससे भी बहुत बुरा हाल हो रहा है”।
Strongly condemn the harassment of journalists in Kashmir. Local journalists have been facing much worse. @CPJAsia https://t.co/BCCp1Pwt5T
— Shehla Rashid شہلا رشید (@Shehla_Rashid) August 24, 2019
वहीं जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि नेता राज्य का दौरा करने न आएं। उनके आने से शांति व्यवस्था बनाए रखने की कोशिशों में खलल पड़ सकता है। नेताओं को यहां आने से बचना चाहिए।
ग़ौरतलब है कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से अभी तक राज्य में किसी भी राजनीतिक दल के नेता को जाने की अनुमति नहीं दी गई है। स्थानीय नेताओं एवं पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद रखा गया है। जिसको लेकर राज्य के हालात पर सवाल उठाए जाते रहे हैं। विपक्षी दल के नेताओं का आरोप है कि राज्य में हालात सामान्य नहीं है, इसीलिए स्थानीय नेताओं को नज़रबंद रखा गया है।
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इससे पहले, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद को राज्य में एंट्री नहीं दी गई थी और उन्हें दो बार जाने से रोका गया था। डी राजा को भी श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया था। राहुल गांधी और राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बीच राज्य का दौरा करने को लेकर ट्विटर पर बहस भी हो गई थी।