कांग्रेस नेता एवं पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अमृतसर रेल हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों की ज़िम्मेदारी उठाने का ऐलान किया है।
उन्होंने कहा, ‘अगर किसी परिवार में कोई कमाने वाला या संभालने वाला नहीं है तो मैं और मेरी पत्नी ताउम्र उनकी ज़िम्मेदारी उठाएंगे।’
सिद्धू ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए इस बात का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि वह इस हादसे के पीड़ित परिवार की ज़िम्मेदारी उठाने को तैयार हैं। वह पीड़ित परिवार की उम्रभर मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि वह परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दिलाने की कोशिश भी करेंगे।
इसके साथ ही सिद्धू ने हादसे में अनाथ हुए बच्चों को गोद लेने की घोषणा करते हुए कहा, “मैं सभी अनाथ बच्चों को गोद लेता हूं और जितने भी बच्चे अनाथ हुए हैं, वह मेरा परिवार हैं”।
अगर रेल हादसे के लिए कांग्रेस ज़िम्मेदार है तो गोरखपुर ट्रेजडी और वाराणसी पुल हादसे के लिए कौन?
सिद्धू के इस फैसले की सोशल मीडिया पर जमकर प्रशंसा हो रही है। कई मशहूर हस्तियों और पत्रकारों ने सिद्धू के इस कदम को सराहनीय बताया है।
समाजवादी पार्टी की पूर्व प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने ट्विटर पर लिखा, “सुना है कि नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर रेल हादसे में अनाथ हुए बच्चों को गोद लेंगे। अगर यह सच है तो मानवीय नेतृत्व का सही उदाहरण है जिसकी न्यू इंडिया में हमें ज़रूरत है, जहां सियासत ने बुरी तरह से सहानुभूति के तत्व को खो दिया है”।
Just heard that Navjot singh Sidhu @sherryontopp will adopt the kids who have been orphaned in the #AmritsarTrainAccident . If true, it is just the right kind of example of humane leadership that we require in #NewIndia where politics has greatly lost the element of empathy.
— Pankhuri Pathak (@pankhuripathak) October 22, 2018
वहीं, पत्रकार रूबिका लियाक़त ने भी ट्विटर के ज़रिए नवजोत सिंह सिद्धू के इस क़दम को सराहनीय बताया।
"मैं अमृतसर में मरने वालों के परिवार का ताउम्र ख़याल रखूंगा। मैं उनकी पढ़ाई से लेकर नौकरी तक का ज़िम्मा उठाउंगा, ये मेरा सब से वादा है"- नवजोत सिंह सिद्धू
ये क़दम वाकई सराहनिय है @sherryontopp— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) October 22, 2018
बता दें कि शुक्रवार को अमृतसर में जौड़ा फाटक के नजदीक दशहरा वाले दिन रावण दहन देख रहे लोगों को पटरी पर रौंदते हुए ट्रेन निकल गई। इस हादसे में अबतक 62 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई लोगों का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।