भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के अहम् मुद्दों से जनता का ध्यान भाटका कर उन्हें बाबर-अकबर, औरंगजेब और मुग़लों में उलझा कर रखा। लेकिन अब भाजपा का अकबर खुद मोदी सरकार के लिए गले की हड्डी बन गया है जो ना तो निगलते बन रहा है और ना ही उगलते बन रहा है।

#MeToo अभियान के जरिए जो नए खुलासे हो रहे हैं उसमें राजनीति जगत से बीजेपी नेता एवं केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर का नाम आने से मोदी सरकार में हडकंप मच गया है।

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मोदी सरकार और भाजपा से बोलते नहीं बन पा रहा है कि वो अपने मंत्री के इस हरकत के बारे में क्या बोलें!

एमजे अकबर पर यौन शोषण के आरोप लगने के बाद सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ अभियान छिड गया है। विपक्ष अकबर के इस्तीफे की मांग कर रहा है तो पीड़ित महिलाएं उनके इस्तीफे और सज़ा देने की मांग कर रही हैं।

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ट्विटर पर रोफेल गाँधी नाम के एक पैरोडी अकाउंट ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, “वैसे तो बीजेपी मुग़लों के पीछे पड़े रहते हैं, लेकिन अब अकबर का नाम मिटाने का मौका आया है तो बीजेपी वाले कुछ कर ही नहीं रहे हैं।

महिला पत्रकारों का आरोप है कि एमजे अकबर जॉब इंटरव्यू के नाम पर युवा महिला पत्रकारों को होटल में बुलाकर उनके साथ आपत्तिजनक हरकतें किया करते थे।

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एमजे अकबर पर यह आरोप प्रिया रमानी शुमा राहा और स्तूपा पॉल नाम की महिला पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर शुरु किए गए ‘मी टू कैंपेन’ के तहत लगाए हैं।

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