ऐसे दौर में जब लगभग सभी पत्रकारों ने सत्ता के सामने घुटने टेक दिए, एक आवाज़ फिर भी बहादुरी के साथ सत्ता को आईना दिखाती रही। ये आवाज़ रही देश के जाने माने पत्रकार रवीश कुमार की। रवीश कुमार को उनकी इसी निडर पत्रकारिता के लिए रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
एशिया का नोबेल पुरस्कार कहे जाने वाला प्रतिष्ठित मैगसेसे पुरस्कार 12 साल बाद किसी भारतीय पत्रकार को मिला है। इससे पहले 2007 में पी साईनाथ को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। शुक्रवार को रमन मैग्सेसे कमेटी ने एक ट्वीट में बताया कि रवीश कुमार को यह अवार्ड पत्रकारिता में वंचितों की आवाज़ उठाने के लिए दिया जा रहा है।
रवीश कुमार को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिए जाने पर जहां लोग उनको बधाई देते हुए उनकी प्रशंसा कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो उन्हें पुरस्कार दिए जाने पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे ही लोगों में एक नाम लेखिका शेफाली वैद्य का भी है।
उन्होंने मैगसेसे पुरस्कार पर ही सवाल उठाते हुए ट्विटर के ज़रिए कहा, “बड़ी विडंबना है मैगससे अवार्ड की, आजकल किसी भी ऐरे गैरे को दिया जाता है”। शेफाली अपने इस ट्वीट के ज़रिए रवीश कुमार को आड़े हाथों लेना चाहती थीं, लेकिन ये ट्वीट करना उन्हें भारी पड़ गया। सोशल मीडिया पर लोगों ने उनपर ही धावा बोल दिया।
बड़ी विडंबना है मैगससे अवार्ड की, आजकल किसी भी ऐरे गैरे को दिया जाता है.
— Shefali Vaidya ஷெஃபாலி வைத்யா शेफाली वैद्य (@ShefVaidya) August 2, 2019
IRONY MAN नाम के यूज़र ने लिखा, “मैडम आप चिंता मत करो…जगर उगलने के आपके टैलेंट को देखते हुए नागपंचमी पर आपको भी “नागमणि अवार्ड” मिलेगा”।
मैडम आप चिंता मत करो…जगर उगलने के आपके टैलेंट को देखते हुए नागपंचमी पर आपको भी "नागमणि अवार्ड" मिलेगा 😂
— IRONY MAN (@karanku100) August 2, 2019
वहीं संजू नाम के यूज़र ने लिखा, “ये अवार्ड पत्रकारिता के लिए दी जाती है। दलाली के लिए नही”।
ये अवार्ड पत्रकारिता के लिए दी जाती है।। दलाली के लिए नही।।
— Sanju (@coolsanjubaba01) August 2, 2019
अभिषेक कुमार यादव ने लिखा, “एशिया के व्यक्तियों एवं संस्थाओं को उनके अपने क्षेत्र में विशेष रूप से उल्लेखनीय कार्य करने के लिये प्रदान किया जाता है। उन्हें नहीं जो देश की एकता,सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करने के भरसक प्रयास में लगे हो”।
एशिया के व्यक्तियों एवं संस्थाओं को उनके अपने क्षेत्र में विशेष रूप से उल्लेखनीय कार्य करने के लिये प्रदान किया जाता है।
उन्हें नहीं जो देश की एकता,सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करने के भरसक प्रयास में लगे हो।#RavishMagsaysay
— Abhishek Kumar Yadav (@abhishek_rising) August 2, 2019
बता दें कि रवीश कुमार का नाम उन पांच व्यक्तियों में शुमार है जिन्हें इस पुरस्कार का विजेता घोषित किया गया है। प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि रवीश कुमार का कार्यक्रम “प्राइम टाइम” “आम लोगों की वास्तविक, अनकही समस्याओं को उठाता है।” साथ ही इसमें कहा गया, “अगर आप लोगों की आवाज बन गए हैं, तो आप पत्रकार हैं।”
क्या है रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार?
रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार एशिया के व्यक्तियों एवं संस्थाओं को उनके क्षेत्र में विशेष रूप से उल्लेखनीय कार्य के लिए दिया किया जाता है। यह रमन मैग्सेसे पुरस्कार फाउंडेशन द्वारा फिलीपीन्स के भूतपूर्व राष्ट्रपति रमन मैग्सेसे की याद में दिया जाता है। यह पुरस्कार 6 श्रेणियों में दिया जाता है। ये श्रेणिया हैं- शासकीय सेवा, सार्वजनिक सेवा, सामुदायिक नेतृत्व, पत्रकारिता एवं साहित्य, शांति और उभरता नेतृत्व।
Madam insaan hain Ravish ji, unme insaaniyat baaki hai isliye ye awaard mila, aap jaisi naagino ko nhi milta ye awaard
Very big recognition for fighting for voiceless.congratulations ravish.
मैडम, एक सवाल है अगर ऐरे गैरे को यह अवार्ड मिलता तो बी जे पी तो ऐसे ऐरे गैरों से भरी पड़ी है। क्यों नही अवार्ड समिति को कोई चापलूस पत्रकार दिखा।
Achcho ko bura sabit karna BJP or sangh logon ki purani aadat hai,
Ye award insaniyat ke haq ki awaj ko buland karne ke liye mila,ham tamam vanchit ati pichra deswasiyon ki dua hai ,ravis ji ke liye ,
MOHABBAT KAUN KARTA H,BAGAWAT KAUN KARTA H,
RAVIS KO MALUM HAI UNKI HIFAJAT KAUN KARTA H,
RAVIS NE HI RAKHI H,GARIBON KI LAJ,
WARNA YAHAAN TO SAVI TUKDON PE PALTE H
PAGAWAT KAUN KARTA H,
(FROM DOHA ,QATAR )
Lomri(fox) kah rahi hai angur khatte(sour test) hai.☺️😊😢😢💐🎂🎂
kisi were here ko bhale hi puraskar diya jaye par kamino ko nahi diya jata hai. yeh shefali shaitano ki mitra hai aur insano ki dushman. kyoki insaniyat ke dushmano ke saath rahti hai.👍