साल 2016 में 8 नवंबर रात 8 बजे प्रधानमंत्री मोदी ने अचानक नोटबंदी करते हुए देश में अफरा तफरी का माहौल बना दिया। नोटबंदी के कारण कई लोग बैंकों की लंबी कतरों में दम तोड़ गए। मगर बीजेपी नेताओं को दिक्कत नहीं हुई बल्कि उसके अगले ही साल बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह का मामला सामने आया जिसमें उन्होंने 16 हज़ार गुना मुनाफा कमा कर दिल्ली के सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी थी। अब अमित शाह का मामला सामने आया है।

दरअसल कांग्रेस ने नोटबंदी को देश के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए एक आरटीआई के हवाले से कहा-  नोटबंदी के दौरान 745.59 करोड़ मूल्य के प्रतिबंधित नोट उस बैंक में जमा करवाए गए जिसके निदेशक अमित शाह हैं। अमित शाह अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (एडीसीबी) के निदेशक साल 2000 से है। उस बैंक में इतना ज्यादा नोट जमा होना अब बीजेपी पर कई सवाल खड़े करता है।

यही नहीं राजकोट जिला सहकारी बैंक में भी सकदों करोड़ जमा हुए, जिसके चेयरमैन जयेशभाई विट्ठलभाई रदाड़िया हैं, जो गुजरात की विजय रूपाणी सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर हैं। यहां 693.19 करोड़ मूल्य के पुराने नोट जमा हुए थे।

सोशल मीडिया पर लोग इस बारें में अपनी प्रतिक्रिया देने लगे है और कहने लगे है बाप नम्बरी,बेटा 10 नम्बरी केवल सुना था। लेकिन बेटा नम्बरी,व्बा प 10 नम्बरी देख भी लिया। जय शाह-अमित शाह

बता दें कि नोटबंदी के फैसले के तहत प्रधानमंत्री मोदी ने 500 और 1000 के नोटों को बंद करने का फैसला लिया था। जनता को बैंकों में अपने पास जमा पुराने नोट बदलवाने के लिए 30 दिसंबर 2016 तक का समय दिया गया था। फिर इतना पैसा जमा होना और उसके बाद पहले बीजेपी अध्यक्ष जय शाह के बेटे जय शाह की कंपनी को मुनाफा पहुँचाना बीजेपी की साफ़ नियत वाले नारे पर कई सवाल खड़े करता है।

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