अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन किया। हमेशा की तरह अपने फैसले को देशहित में बताने के लिए उन्होंने ढेर सारे तर्क दिए। कश्मीर के विकास के तमाम दावे भी किए।

मीडिया तो मोदी की हर बात पर वाह वाह करने में व्यस्त है लेकिन सोशल मीडिया पर कुछ सवाल उठाए जा रहे हैं, आलोचना की जा रही है।

मोदी के संबोधन के दौरान सोशल मीडिया पर तारिक अनवर चंपारणी ने लिखा- ‘करोड़ों लोगों के माथे पर राइफल ऱखकर एक वीरबहादुर अकेले बोल रहा है। कमाल यह है कि जिसके लिए बोला जा रहा वह सुन भी नहीं सकता है। उसके घर के दरवाज़े-खिड़की, टीवी, टेलीविजन, टेलीफोन, इंटरनेट, मोबाइल सब बन्द है। उसके बाद भी दिल्ली से अकेले बोलते रहना किसी बहादुरी से कम नहीं है।’

कुमारी स्नेहा लिखती हैं- ‘लोकतंत्र का कितना महान दौर है
जिनके लिए संबोधन है, उनको छोड़ बाकी सब सुन रहे हैं…’

इसपर रितिका ने लिखा-

‘राष्ट्र के नाम संदेश

कश्मीर में सब बंद है

लेकिन फिर भी कश्मीर हमारा है

वहां के लोग भले राष्ट्र के नाम संदेश न सुन रहे हो

भले उन्हें ये तक पता न हो उनके साथ आखिर हुआ क्या है’

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