देश इस वक़्क मंदी के दौर से गुज़र रहा है। इसके चलते लगभग हर सेक्टर से बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां जाने की ख़बरें आ रही हैं। लेकिन इन ख़बरों के उलट पीएम मोदी दावा कर रहे हैं कि देश में सब कुछ ठीक है। बेरोज़गारी जैसी देश में कोई समस्या नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोज़गार की मांग करने वाले देश के युवाओं पर हमला बोलते हुए कहा कि दलाली में नाकाम लोग ही रोज़गार का शोर मचा रहे हैं। उन्होंने यह बात नीति आयोग के चैंपियंस ऑफ चेंज कार्यक्रम में युवा सीईओ और स्टार्टअप शुरू करने वाले उद्यमियों को संबोधित करते हुए कही।

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उन्होंने कहा कि देश में भ्रष्टाचार के संस्थागत रूप ले लेने के कारण दलाली बड़ा रोजगार बन गया था। अब दलालों का समय खत्म हो गया है। यही लोग अब रोज़गार का शोर मचा रहे हैं। हैरानी की बात तो ये है कि पीएम मोदी ने ये बयान तब दिया है जब तीन महीने पहले ही उनके मंत्रालय ने यह बात मान ली है कि देश में बेरोज़गारी दर ने 45 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

बता दें कि इसी साल मई में श्रम मंत्रालय ने देश में बेरोज़गारी के आंकड़े जारी किए थे। आंकड़ों के मुताबिक, 2017-18 में बेरोजगारी की दर 6.1 फीसदी रही, जो कि पिछले 45 सालों का उच्चतम स्तर है। यानी साल 1972-73 के बाद ये बेरोज़गारी दर सबसे अधिक है।

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वहीं हाल के दिनों की बात करें तो लगातार कई सेक्टर्स से नौकरियों के जाने की ख़बरें आ रही हैं। ख़बरों के मुताबिक, ऑटो सेक्टर में पिछले चार महीने में 2.5 लाख नौकरियां जा चुकी हैं और तकरीबन 10 लाख नौकरियां खतरे में हैं। इसी तरह मोबाइल और टेक्सटाइल सेक्टर में भी नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है।

पीएम मोदी के इस बयान की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है। यूज़र्स से लेकर विपक्षी दल के नेता तक उनके इस बयान को शर्मनाक बता रहे हैं। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आईपी सिंह ने ट्विटर के ज़रिए कहा, “मतलब बेरोज़गारी की मार सह रहे लोगों को अब प्रधानमंत्री दलाल कह कर सम्बोधित करेंगे? वो युवा जो आपकी लचर आर्थिक नीतियों की वजह से घर बैठा है वो दलाल है?” 

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