आर्थिक मंदी का दौर शुरू हो चुका है। ऑटो सेक्टर की कंपनियों ने अपना प्लांट करने का ऐलान कर दिया है। वहीं अब पारले जैसी कंपनी भी 10 हज़ार लोगों को निकालने की तैयारी में है। मोदी सरकार द्वारा लिए गए आर्थिक फैसलों ने कई कंपनियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। हालत अब ये है कि आर्थिक मंदी के चलते क्या सरकारी और क्या गैर सरकारी सभी कंपनियों की हालत ख़राब है।

देश में बढ़ रही आर्थिक मंदी पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और नेता सुनील सिंह यादव ने प्रतिक्रिया दी है। सपा नेता ने कहा कि अब टेक्सटाइल सेक्टर से जुड़े 50 लाख लोग बर्बादी की कगार पे हैं बीएसएनएल की उल्टी गिनती चालू है!

मोदीराज 2 : अब मंदी की मार पारले बिस्किट कर्मचारियों पर, कंपनी ने 10,000 लोगों की छटनी शुरू की

ऑटो सेक्टर में 10 लाख लोग जॉबलेस होने को है! सैकड़ों पब्लिक-प्राइवेट सेक्टर की कंपनियाँ कर्मचारियों की छटनी कर रही हैं पर मोदीजी के राज में 81 गुना विकास सिर्फ़ बीजेपी के चंदे में हुआ है!

गौरतलब हो कि मोदी सरकार ने जीएसटी की दरों को बढ़ाते हुए एक साथ कई सेक्टरों को झटका दिया है। इनमें ऑटो सेक्टर से लेकर टेलिकॉम सेक्टर और इंफ्रास्ट्रक्टर सेक्टर, बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर, और आईटी सेक्टर शामिल है।

बता दें कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री करीब 10 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार देती है। साथ ही ये इंडस्ट्री किसानों के उत्पाद जैसे कपास, जूट वगैरह भी खरीदती है।

टेक्सटाइल इंडस्ट्री को विज्ञापन देकर अपनी बदहाली बतानी पड़ रही है क्योंकि मीडिया ‘मोदीभक्ति’ में लीन है

लेकिन मौजूदा समय में टेक्सटाइल इंडस्ट्री का दावा है कि वह संकट से ग़ुज़र रही है। इस संकट की ओर सरकार का ध्यान खींचने के लिए ही इंडस्ट्री ने अख़बार में ये विज्ञापन दिया है। इंडस्ट्री चाहती है कि सरकार दिक्कतों को हल करने की दिशा में ज़रूरी कदम उठाए।

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