पूरे देश में सरकार ‘आर्मी पब्लिक स्कूल’ का संचालन करती है। मगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के शिकारपुर में अपना ‘आर्मी स्कूल’ बना रहा है। समाजवादी पार्टी ने इसपर कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि, “राज्य में आरएसएस द्वारा अलग से आर्मी स्कूल खोले जाने की क्या जरुरत है? यह संदेह पैदा करता है। अब वह राष्ट्रीय स्तर पर षड़यंत्र करना चाहते हैं। यह संविधान की अवहेलना है।”

समाजवादी पार्टी ने कहा, “RSS विभाजन के विचारधारा का अनुसरण कर रही है, इसकी भूमिका समाज को बांटने की रही है। आजादी की लड़ाई के दौरान भी इनकी भूमिका नकारात्मक रही थी और आज भी वही है।

इनका स्वतंत्रा संग्राम के आदर्शों से कोई लेना-देना नहीं है। आरएसएस अपने राजनीतिक लाभ के लिए ऐसे संस्थान खोलेगा जहां मॉब लिंचिंग और साम्प्रदायिकता सिखाई जाएगी। इसका जातियों के बीच नफ़रत फैलाना लक्ष्य है।”

सपा ने इशारा करते हुए कहा कि, “यह स्कूल पूर्व सर संघ संचालक राजेंद्र सिंह के नाम पर खोला जा रहा है, जिसे बनाने में करीब 40 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। आरएसएस का अपना आर्मी स्कूल खोलना संदेह पैदा करता है क्योंकि जब पहले से सरकारी स्तर पर स्कूल है तो इस सैनिक स्कूल की क्या उपयोगिता हो सकती है? जबकि देश में सरकारी 5 मिलिट्री स्कूल चल रहे हैं।”

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सपा ने कहा, इसके अलावा यूपी में लखनऊ में पहले से सैनिक स्कूल चल रहा है जबकि सपा सरकार में झाँसी, अमेठी और मैनपुरी में सैनिक स्कूल स्थापित हुए थे। सरकार के मिलिट्री और सैनिक स्चूलों के मुकाबले अलग से आर्मी स्कूल की स्थापना निश्चय ही उसके पीछे कुछ और ही कारनामा करने की मंशा है। आरएसएस इसका मास्टरमाइंड है। संघ राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा षड़यंत्र करना चाहती है।

बात दें कि बुलंदशहर में संघ 16 बीघे में सैन्य स्कूल बना रहे है। इस स्कूल का संचालन सीबीएसई पाठ्यक्रम से करवाया जाएगा। संघ का दावा है कि इस स्कूल में छात्रों को सेना में जाने के योग्य बनाने के लिए तैयार किया जाएगा।

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