आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के कहे अनुसार टीडीपी के सांसदों से प्रधानमंत्री को इस्तीफा दे दिया। आज नायडू की पीएम मोदी से बात के बाद भी आशंकाओं पर विराम लग गया। नायडू से पीएम मोदी हुई कुछ मिनट मुलाकात के बाद टीडीपी सांसदों ने अपने पद छोड़ दिए।
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलवाने की मांग करने वाले चंद्रबाबू नायडू को पीएम मोदी भी नहीं मना पाए। ऐसा कहा जा रहा था की नायडू से मुलाकात के बाद दोनों ही दलों के बीच कोई रास्ता निकल लिया जायेगा मगर ऐसा कुछ हुआ नहीं।
गुरुवार रात नायडू के कहे अनुसार सरकार में टीडीपी के कोटे से बने दोनों मंत्री अशोक गजपति राजू और वाई एस चौधरी ने शाम 6 बजे पीएम मोदी से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा दे दिया जिसे पीएम मोदी ने स्वीकार भी कर लिया है।
ऐसा भी कहा जा रहा कि अगले साल आंध्र प्रदेश में अगले साल चुनाव होने है। इसलिए वो मोदी सरकार के बिना ही चुनावी मैदान में उतरना चाहती है। पीएम मोदी और आंध्र के सीएम की ये मुलाकात पूरे 1 साल से ज्यादा के अंतराल पर हुई जिसमें नायडू ने मोदी को विशेष राज्य के दर्जे से जुड़े 17 पेज का दस्तावेज सौंपा है।
मांगे क्या है? जिसने टीडीपी और बीजेपी को अलग किया
चंद्रबाबू नायडू की मुख्य चार मांगे है। जिनमें केंद्र पोलावरम परियोजना के लिए 58,000 करोड़ रुपये को तत्काल मंजूरी दिए जाना।
नए राज्य की राजधानी अमरावती के विकास के लिए केंद्रीय बजट में पर्याप्त राशि सुनिश्चित करना और राज्य विधानसभा की सीटें 175 से बढ़ाकर 225 करने के लिए तत्काल कदम उठाएं, जिसकी प्रतिबद्धता पुनर्गठन अधिनियम में की गई है।
इसके साथ ही टीडीपी की ये भी मांग है की क्योकिं तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद आंध्र प्रदेश को वित्तीय समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है इसलिए उनकी ये भी मांग है मोदी सरकार उन समस्याओं को देरी न करके उसे जल्द ही लागू करे।