जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से कश्मीर के हालात को लेकर कई तरह की ख़बरें सामने आ रही हैं। सरकार की ओर से दावे किए जा रहे हैं कि कश्मीर में सब कुछ सामान्य है, लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स स्थानीय लोगों के हवाले से वहां के हालात को चिंताजनक बता रही हैं।

इसी कड़ी में अब श्रीनगर के मेयर जुनैद अज़ीम मट्टू ने दावा किया है कि कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं। मेयर ने कहा कि कश्मीर की सड़कों पर ला शें नहीं दिख रही हैं इसका मतलब ये नहीं है कि सब सामान्य है। ये बातें उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत के दौरान कहीं।

जुनैद मट्टू ने राज्य के नेताओं को हिरासत में लिए जाने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सालों से, कश्मीर में राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने आतंकवादियों द्वारा दी गई धमकियों और हिंसा का सामना किया लेकिन आज वे आज शिकार और शिकारी हैं।

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जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से संचार सेवाओं पर पाबंदी की आलोचना करते हुए मेयर ने कहा, ‘अभी भी ऐसे बहुत सारे परिवार हैं जो कश्मीर में मौजूदा हालात के चलते अपने लोगों से बात नहीं कर पा रहे हैं।’

वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर जम्मू कश्मीर में प्रतिबंध लगाने की ज़रूरत को सही ठहरा चुके हैं। बीते हफ्ते उन्होंने कहा था, ‘आतंकियों को रोकने के लिए इस तरह के कदम उठाने जरूरी थे। हम ऐसा कैसे कर सकते हैं कि आतंकियों और उनके आकाओं के बीच कम्यूनिकेशन को रोक सकें और बाकी लोगों के लिए इंटरनेट खोल दें?’

बता दें कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के बाद श्रीनगर और जम्मू के मेयरों को पिछले महीने एक आदेश के ज़रिए राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। इसी आदेश के तहत श्रीनगर के मेयर एवं जेकेपीसी के प्रवक्ता जुनैद अज़ीम मट्टू एक राज्यमंत्री के बराबर हैं।

जुनैद मट्टू भी उन लोगों में से एक हैं जो केंद्र द्वारा कश्मीर पर नियंत्रण के खिलाफ हैं। उन्होंने दावा किया कि ‘जम्मू-कश्मीर के केंद्र सरकार के फैसले से अस्तित्व संबंधी संकट पैदा हो गया है। हम हमेशा हिंसा के बहुत खतरनाक खतरे के साथ जीते हैं और यह हमारे लिए कोई नई बात नहीं है।’

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