उन्नाव मामले पर योगी की पुलिस से सवाल करना बाराबंकी की रहने वाली 11वीं की छात्रा को महंगा पड़ गया है। ख़बर है कि डर के चलते छात्रा के परिजनों ने उसे स्कूल जाने से रोक दिया है। परिजनों का कहना है कि उन्हें अपनी बेटी की सुरक्षा की चिंता है, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया है।

छात्रा के परिजनों ने तय किया है कि सोमवार को स्कूल प्रिंसिपल से बात करने के बाद ही वो ये तय करेंगे कि छात्रा को दोबारा कबसे स्कूल भेजा जाए। छात्रा के पिता के मुताबिक, ‘मेरी बेटी अभी छोटी और भोली है। उसने जो कुछ भी न्यूज पेपर में पढ़ा और टीवी पर देखा वही सब कह दिया। उसने अच्छा बोला और स्कूल के बच्चों ने उसका उत्साह बढ़ाया।’

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बता दें कि दो दिन पहले बाराबांकी के आनंद भवन स्कूल की 11वीं की छात्रा मुनिबा किदवई ने उन्नाव गैंगरेप को लेकर यूपी पुलिस से ऐसे सवाल पूछे थे कि पुलिस को चुप्पी साधनी पड़ गई थी। छात्रा के सवालों का वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। जिसे कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी शेयर किया था।

छात्रा ने पुलिस से पूछा था, ‘अगर पीड़ित आम आदमी है तो हम प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन अगर वह नेता है और ताकतवर शख्स है तो उसका विरोध कैसे किया जा सकता है? हम यह जानते हैं कि अगर हम किसी हाई प्रोफाइल व्यक्ति के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी’।

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छात्रा ने आगे कहा, ‘हमने देखा है कि उन्नाव में एक लड़की के साथ एक विधायक ने गलत काम किया और अब जब वह उसके खिलाफ लड़ाई लड़ रही है, तो उसका एक्सीडेंट करा दिया गया। जिससे अब वह जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है। ऐसे में अगर हम विरोध जताते हैं तो इस बात की क्या गारंटी है कि हमें न्याय मिलेगा? क्या गारंटी है कि हम सुरक्षित रहेंगे? क्या गारंटी है कि हमारे साथ कुछ नहीं होगा?’’

जब छात्रा ने ये सवाल पूछे थे तो बाकी बच्चे उसकी प्रशंसा कर रहे थे। लड़की के सवालों पर पुलिस अफसर ने चुप्पी साध ली थी। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि टोल फ्री नंबर पर की गई सभी शिकायत को मदद मुहैया कराई जाएगी।

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