INX मीडिया केस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज करने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज सुनील गौड़ को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) कोर्ट का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। वह 23 सितंबर को कार्यभार संभालेंगे।
सुनील गौड़ को पीएमएलए कोर्ट का चेयरमैन बनाने के फैसले पर सवाल उठाए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ट्विटर के ज़रिए कहा, “उन्होंने 7 महीने पहले चिदंबरम की अग्रिम जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा था। उन्होंने निर्णय दिया और रिटायरमेंट से 2 दिन पहले इसे नामंज़ूर कर दिया! उन्हें एक हफ्ते बाद PMLA कोर्ट के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति मिली! इसका क्या मतलब निकाला जाना चाहिए?”
He reserved judgement on Chidambaram's anticipatory bail application 7 months ago. He delivered judgement & rejected it 2 days before retirement! He got plum appointment as Chairman of PMLA appellate tribunal a week later! What should one make of this? pic.twitter.com/X1qdLDsqwP
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) August 28, 2019
बता दें कि अपने रिटायरमेंट से 2 दिन पहले जस्टिस गौड़ ने 20 अगस्त को INX मीडिया केस में चिदंबरम की अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी। याचिका खारिज करते हुए उन्होंने कहा था कि इस मामले में चिदंबरम प्रथम दृष्टया ‘‘प्रमुख षड्यंत्रकारी” लगते हैं और प्रभावी जांच के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ करने की ज़रूरत है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि INX मीडिया ‘घोटाला’ मनी लॉन्ड्रिंग का बेहतरीन उदाहरण है। जस्टिस गौड़ के आदेश के बाद CBI ने 21 अगस्त को चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया था।
सुनील गौड़ को साल 2008 में हाई कोर्ट का जज बनाया गया था। गौड़ ने जज के कार्यकाल में कई अहम मामलों पर सुनवाई की, जिसमें नैशनल हैराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी की कथित भूमिका और उनके खिलाफ केस चलाने की इजाज़त देने के साथ ही मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के भतीजे रतुल पुरी के खिलाफ अगुस्टा वेस्टलैंड मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलाने और ज़मानत याचिका खारिज करने का फैसला भी है। सुनील गौड़ ने मोईन कुरैशी के खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई की थी।
कद्दू कटेगा और सब में बटेगा वाले दिन अब लद गए