आसिफा रेप और हत्या मामले को उलाझाने की कोशिश की जा रही है। तमाम तरह के दबाव बनाए जा रहे हैं। पिछले दिनों क्राइम ब्रांच के अफसर को चार्जसीट दाखिल करने से रोका गया।

कश्मीर की बार काउंसिल खुले तौर पर आरोपियों का समर्थन कर रही है। वही आसिफा को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ने वाली महिला वकील दीपिका सिंह को धमकी दी जा रही है। उन्हें मामले से दूर रहने को कहा जा रहा है।

इनसब के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के एक समूह ने चीफ जस्टिस से संज्ञान लेने की गुहार लगाई है। वकीलों का कहना है कि जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट में केस की सुनवाई नहीं हो पा रही है। वकीलों की मांग है कि कठुआ रेप औप मर्डर का मामला सुप्रीम कोर्ट में चले।

हालांकि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने चार्जसीट दाखिल करने के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले वकीलों पर कार्रवाई करते हुए कड़े कदम उठाए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया, जम्मू हाई कोर्ट बार एसोसिएशन और जम्मू कश्मीर बार एसोसिएशन नोटिस जारी करते हुए इस मामले में जवाब मांगा है।


वकीलों के आग्रह पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हमारे पास फिलहाल इस मामले पर कोई रिकॉर्ड नहीं है। आप रिकॉर्ड पर कुछ दाखिल कीजिए, फिर हम केसे को देखेंगे। अब अगर वकील रिकॉर्ड दाखिल कर देते हैं तो मामले की सुनावाई देश के सबसे बड़े अदालत सुप्रीम कोर्ट में होगी।

सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में जम्मू कश्मीर की क्राइम ब्रांच ने 15 पन्नों की चार्जसीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट से रेप और हत्या के कारणों का पता चलता है।

चार्जशीट के मुताबिक, बकरवाल समुदाय की बच्ची का अपहरण, बलात्कार और हत्या इलाके से इस अल्पसंख्यक समुदाय को हटाने की एक सोची समझी साजिश का हिस्सा थी।

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