एक बार फिर से राम मंदिर का मुद्दा केंद्र में है, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मंदिर-मस्जिद विवाद पर फैसलाया सुनाया। सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अगले साल जनवरी तक के लिए इस मामले लो टाल दिया है। इस बार प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच सुनवाई कर रही है।

मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने सुनवाई के दौरान कहा कि, इस मामले को जनवरी में उपयुक्त बेंच के सामने लाया जाएगा। इस बीच सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भाजपा के विवादित नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हिन्दुओं को उकसाने वाला बयान दिया है। गिरिराज का बयान ऐसे समय में आया है जब उनके बयान से दंगे तक भड़क सकते हैं।

उन्होंने कोर्ट के फैसले पर कहा, “अब हिन्दुओं का सब्र टूट रहा है। मुझे भय है कि हिन्दुओं का सब्र टूटा तो क्या होगा?”

गिरिराज सिंह के भड़काऊ और दंगे करवाने वाले बयान के बाद राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया पर उनकी जमकर लताड़ लगाई है।

तेजस्वी ने ट्वीट किया कि, “क्यों बडबडा रहे हो फालतू का? किसी का सब्र नहीं टूट रहा है। ठेकेदार मत बनिए, हमसे बड़े हिन्दू नहीं हैं आप? आपको चुनाव का डर है। ये मगरमच्छी रोना रोने से फुर्सत मिले तो युवाओं की नौकरी, विकास और जनता की सेवा की बात करिए। अपने दोस्त पल्टूराम की तरह बेमतलब बिहारियों को बदनाम मात करिए।”

जिस तरह से गिरिराज सिंह के एक के बाद एक भड़काने वाले बयान सामने आ रहे हैं उससे लगाता है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गिरिराज को मंत्रालय का काम करने के लिए और इस तरीके के बयान देने के लिए अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है।

इस मामले की सुनवाई करके वाली पीठ में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ हैं। इस पीठ ने 2010 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए बैठी थी।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद ये साफ़ हो गया कि रोजाना सुनवाई की तारीख आने में अभी और समय लगेगा।

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