देश में हो रही महत्वपूर्ण चीजों की चोरी को लेकर मोदी सरकार बैकफुट पर है। एक के बाद एक ‘डेटा’ मोदी सरकार में लीक हो रहे हैं। सबसे पहले बैंकों से पैसा गायब हुआ और उसे लेकर विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे उद्योगपति विदेश फरार हो गए, फिर एसएससी पेपर लीक हुआ जिसे लेकर दिल्ली के सीजेआई काम्प्लेक्स पर परीक्षार्थी धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
आधार कार्ड को सबसे सुरक्षित पाहचान पत्र माना जाता है लेकिन मोदी सरकार में वो भी लीक हो गया और सरकार कुछ नहीं कर पाई। आधार कार्ड लीक होने से लोगों के निजता का हनन पे सीधा हमला करार दिया गया।
पिछले दिनों कर्नाटक चुनाव की तारीखों का ऐलान होना था लेकिन चुनाव आयोग के घोषणा करने से पहले बीजेपी मीडिया सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने चुनाव की तारीखों की तारीखों का सटीक टाईमटेबल ट्वीट कर दिया। इससे चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा हो गया कि इनती महत्वपूर्ण जानकारी बीजेपी के पास कैसे पहुंची?
अभी हाल ही में CBSE बोर्ड की दसवीं के मैथ्स और बारहवीं के इकोनॉमिक्स विषय के पेपर लीक होने से सीधे तौर पर देशभर में 28 लाख बच्चे प्रभावित हुए हैं।
मोदी सरकार में इतना ‘लीकेज’ हो रहा है तो सोशल मीडिया पर बात होने लगी है कि लीकेज को रोकने के लिए देश को चौकीदार (पीएम मोदी) नहीं बल्कि प्लंबर चाहिए।