गोरक्षों ने अबतक गाय के नाम कई लोगों को शिकार बनाया। मगर जब ज़मीन पर गाय की सेवा करनी हुई तो सब एक झटके में गायब हो गए। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर का है। जहां सड़क किनारे एक गाय घायल पड़ी रही मगर उसे बचाने के लिए कोई गोरक्षक आसपास दिखाई तक नहीं दिया।

दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कई घंटो से धूप में पड़ी एक बछिया घायल अवस्था मे जिंदगी और मौत से जूझ रही है। मगर कोई सरकारी मुलाजिम या अधिकारी तो दूर कोई गौरक्षक ने घटना स्थल पर पहुंचने की जहमत नही उठाई।

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ये घटना गोरक्षाओं की भूमिका पर सवाल उठाती है। क्योंकि जिस तरह से पिछले कुछ सालों में गाय के नाम गोरक्षकों ने लोगों को चुन चुनकर निशाना बनाया है।

उसे देख यही कहा जा सकता है कि गोरक्षक गाय की नहीं बल्कि खुद की सेवा करने में व्यस्त है। वो सिर्फ धर्म देखकर लोगों को मारते है, जब असल वक़्त में गाय मुश्किल पर आती है या सड़कों पर वो प्लास्टिक और कूड़ा खाने में मजबूर होती है। तब ये कथित गोरक्षक कहीं नज़र नहीं आते है।

इस वीडियो को देख पत्रकार साक्षी जोशी ने सोशल मीडिया पर लिखा- मुझे उम्मीद है पुलिस इनकी मदद करेगी। लेकिन ‘गौरक्षक’ कहां हैं?

बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में किसी बेसहारा गाय को घर लाने और उसे पालने वाले को हर महीने 900 रु देने का ऐलान किया गया। खबरों के मुताबिक यह रकम उस व्यक्ति के खाते में सीधे ट्रांसफर होगी। आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस नई योजना का ऐलान किया है।

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