कठुआ बलात्कार की आलोचना अब देश के बाहर भी हो रही है। इस मामले में मोदी सरकार की भूमिका को लेकर विदेशी अख़बारों में लिखा जा रहा है।
अमेरिका के अखबार ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में इसी को लेकर एक लेख छापा है। लेख का शीर्षक है ‘भारत में एक बच्ची का बलात्कार जो मोदी के लिए संकट बन गया है।’

बता दें, कि जम्मू कश्मीर के कठुआ में आसिफा नाम की 8 साल की बच्ची की बलात्कार कर हत्या कर देने का मामला सामने आया है। जांच में पता चला है कि हत्या और बलात्कार एक मंदिर के पुजारी ने इलाके से मुसलमानों को भगाने के लिए किया था।
बच्ची का एक हफ्ते तक लगातार मंदिर में बलात्कार किया गया और बाद में पत्थर से कुचलकर उसकी हत्या कर दी गई। इसके बावजूद भाजपा नेता इस जघन्य अपराध में आरोपियों को समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने उनके समर्थन में रैली भी निकाली थी।
अखबार में बलात्कार के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया है कि भारत में 2012 के निर्भय बलात्कार के बाद ये बलात्कार ऐसा है जिसके विरोध में सबसे ज़्यादा लोग बाहर निकले हैं। पूरे देश में ‘कैंडल मार्च’ निकाले जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर अभियान चलाए जा रहे हैं।
भारतीय सिनेमा इंडस्ट्री ‘बॉलीवुड’ में भी इस बलात्कार के विरोध में लोग सामने आए हैं। संजय दत्त, फरहान अख्तर, सोनम कपूर, ऋचा चड्डा, करीना कपूर खान, जावेद अख्तर, स्वरा भास्कर आदि बॉलीवुड स्टार ने अपने अपने तरीके से विरोध दर्ज कराया है।
अखबार ने लिखा है कि ये घटना जनवरी में हुई थी। लेकिन ये चर्चा का मुद्दा तब बनी जब ‘जम्मू-कश्मीर लॉयर एसोसिएशन’ ने इस मामले में आरोपियों का समर्थन करते हुए रैली निकाली। इन वकीलों में से बहुत से भाजपा से जुड़े हुए हैं।
बलात्कार को लेकर मोदी सरकार के रवैये पर अख़बार लिखता है कि भाजपा के मंत्रियों ने मामले का राजनीति करण किया। इस वजह से उनकी आलोचना हुई। इसी कारण उन्हें जम्मू कश्मीर सरकार से इस्तीफा भी देना पड़ा।
अखबार ने ये बताते हुए कि ये इकलौता बलात्कार का मामला नहीं है जिससे भाजपा सरकार को सुलझाना है, उत्तरप्रदेश के उन्नाव बलात्कार के बारे में भी लिखा है।
अखबार ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए लिखा है कि इस मामले में भारत सरकार फेल होती दिख रही है। ऐसा लगता है सरकार ने 2012 निर्भय बलात्कार मामले से कोई सीख नहीं ली।
अखबार में प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए लिखा गया है कि पीएम मोदी ने इसपर अपनी चुप्पी तब तोड़ी जब सुप्रीम कोर्ट से लेकर विपक्ष तक इस ममले में पूरी तरह उतर चूका था।
अशोका विश्वविद्यालय के कुलपति प्रताब भानु महता कहते हैं कि पीएम मोदी ने बोलने में बहुत देर कर दी।
वहीं लेखिका नारायण कहती हैं कि मोदी हमेशा देर से बोलते हैं। पहले वो मामले के ठंडे होने का इंतेज़ार करते हैं और उसके बाद दुख जताते हैं। वो आगे कहती हैं कि भाजपा ने अपराध को अपराध तरह नहीं लिया और साथ ही उसका राजनीति करण किया। “मुझे लगता है भाजपा को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।”