अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जीडीपी गिरावट पर अपनी चिंता व्यक्त की। मगर देश का मीडिया अभी भी पाकिस्तान और कश्मीर के मामले पर ही टिका हुआ है। आजतक पर डिबेट शो करने वाले रोहित सरदाना गिरती अर्थव्यवस्था पर नहीं बल्कि ‘अभिनंदन है तैयार इमरान हो जाओ ख़बरदार’ नाम पर ही डिबेट कर रहें है।
कश्मीर के अंदर, पाकिस्तानी आसिफ़ गफ़ूर के फ़ोटो वाले पोस्टर किसने लगाए?
इमरान की फ़ौज से तो देश के ‘अभिनंदन’ निपट लेंगे, अपने देश में छुपे उनके एजेंट्स से कौन निपटेगा? वैसे आज ‘अभिनंदन’ की उड़ान से परेशान होंगे इमरान!
दंगल, 5PM, @aajtak पर. pic.twitter.com/dV84lYPV8J— रोहित सरदाना (@sardanarohit) September 2, 2019
दरअसल विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान ने 6 महीने बाद एयरफोर्स के एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ के साथ पठानकोट एयरबेस से मिग-21 लड़ाकू विमान उड़ाया। अब इस खबर के बाद मीडिया ने गिरती अर्थव्यवस्था को छोड़ इसी पर बहस करना ठीक समझा।
जबकि पिछले ही दिनों जीडीपी की गिरावट पर एंकर रोहित सरदाना ने लिखा था कि पिछले पाँच साल में देश की GDP सबसे निचले पायदान पर। कृषि विकास दर भी घट कर 2% हुई। 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के लिए बड़ा झटका। आने वाले दिनों में कठिनाइयों के संकेत साफ़ नज़र आने लगे हैं।
सरदाना के इस ट्वीट पर भी कई राजनीतिक दलों ने उनपर निशाना साधा था। अब एक बार फिर जब वो बे-सर पैर की बहस लेकर आए तो इसपर उन्हें सोशल मीडिया पर एक यूज़र ने नसीहत दे डाली। एक यूज़र ने लिखा रोहित भिया एक दंगल अर्थव्यवस्था पर भी कर लो वरना लाखो लोगो के जीवन मे दंगल हो जाएगा।
रोहित भिया एक दंगल अर्थव्यवस्था पर भी कर लो
वरना लाखो लोगो के जीवन मे दंगल हो जाएगा।— प्रशान्त (@Prashan73427037) September 2, 2019
गौरतलब हो कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट गिरकर महज 5 फीसदी रह गई है।
जीडीपी किसी खास अवधि के दौरान वस्तु और सेवाओं के उत्पादन की कुल कीमत है। भारत में जीडीपी की गणना हर तीसरे महीने यानी तिमाही आधार पर होती है। ध्यान देने वाली बात ये है कि ये उत्पादन या सेवाएं देश के भीतर ही होनी चाहिए।
इससे पहले मार्च तिमाही में जीडीपी 5.80 फीसदी रही थी। जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही विकास दर 8 फीसदी दर्ज की गई थी। मौजूदा जीडीपी बीते 25 तिमाहियों मतलब कि पिछले 6 साल से अधिक वक़्त में ये सबसे कम जीडीपी ग्राथ रेट है।
वहीं अगर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की बात करें तो वहां उसमें में गिरावट दर्ज की गई है इससे पहले, 2012-13 की अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 4.9 फीसदी के निचले स्तर दर्ज की गई हो। मगर टीवी पर अर्थव्यवस्था पर बहस कम और पाकिस्तान को ललकारने में वक़्त ख़राब किया जायेगा।