उत्तरप्रदेश की पुलिस पर लगातर फर्ज़ी एनकाउंटर करने के आरोप लग रहे हैं। शनिवार रात ही नॉएडा में एक एनकाउंटर के दौरान गोली लगने से जितेन्द्र यादव नामक व्यक्ति घायल हो गया है। जितेन्द्र के परिजन एनकाउंटर को फर्ज़ी बता रहे हैं।

जितेन्द्र के परिजनों को कहना है कि जितेन्द्र को उसकी जाति के कारण शिकार बनाया गया है। बता दें, कि उत्तरप्रदेश की योगी सरकार पर यादव समाज के लोगों के साथ भेदभाव करने के कई आरोप लग चुके हैं। जितेन्द्र को फोर्टिस अस्पताल में भरती कराया गया है। उसकी हालत नाज़ुक बनी हुई है।

परिवार का कहना है कि जितेन्द्र को बिना किसी कारण गोली मारी गई है। यहाँ तक की उसका कोई अपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है। बताया जा रहा है कि जितेन्द्र एक जिम चलाता है और एनकाउंटर करने वाला ऑफिसर भी उसी जिम में वर्जिश के लिए आता है।

बीती रात पुलिस ने नोएडा में जितेन्द्र यादव और उसके दो दोस्तों का एनकाउंटर करने की कोशिश की। ये घटना सेक्टर 122 में हुई। पुलिस ने एनकाउंटर करने की कोशिश तब की जब जितेन्द्र अपने दोस्तों के साथ बहरामपुर से नोएडा लौट रहा था।

यूपी पुलिस पिछले 48 घंटों से लगातार एनकाउंटर कर रही है। इस दौरान दर्जनों एनकाउंटर किये जा चुके हैं। सभी एनकाउंटर में आरोपी द्वारा पुलिस पर गोली चलाने की बात कही गयी है। लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि कैसे अचानक पूरे प्रदेश में जगह-जगह अपराधी पुलिस पर गोली चला सकते हैं। बता दें, कि इस तरह के एनकाउंटर के लिए मानव अधिकार आयोग भी यूपी पुलिस पर सवाल उठा चूका है।

इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने भी यूपी पुलिस पर सवाल उठाया है।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनिल यादव ने इस घटना पर एक फेसबुक लाइव कर यूपी पुलिस पर फर्ज़ी एनकाउंटर करने का आरोप लगाया है।

अनिल यादव ने कहा है कि एनकाउंटर करके प्रमोशन पा लेना एक ट्रेंड बनता जा रहा है। इससे पहले भी सुमित गुजर नामक लड़के का ऐसे ही एनकाउंटर कर दिया गया था। उन्होंने जितेन्द्र यादव को निर्दोष बताते हुए नोएडा के सभी समुदायों के लोगों से फोर्टिस अस्पताल जाने की गुज़ारिश की है। उन्होंने कहा कि इस सरकार को ये पता चलना चाहिए कि इस समुदाय के लोग चाहे पढ़े लिखे ज़्यादा न हो लेकिन अपने बच्चों के लिए आवाज़ उठाना जानते हैं।

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