दिल्ली के तुगलकाबाद में शनिवार को संत गुरु रविदास का मंदिर तोड़े जाने के विरोध में बुधवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में देश के विभिन्न राज्यों से आए दलितों ने बड़ा प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन सबसे पहले रामलीला मैदान में किया गया फिर रामलीला से लेकर तुगलकाबाद तक लगभग 20 किलोमीटर तक पैदल मार्च किया गया।
इस दौरान दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवान भारी संख्या में प्रदर्शनकारियों के साथ चल रहे थे। मार्च शांति से चलता रहा लेकिन अंत में आकर तुगलकाबाद में ये प्रदर्शन पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद उग्र हो गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर जमकर लाठियां भांजी। जिसमें कई प्रदर्शनकारी गंभीर रूप से घायल हो गए। इस प्रदर्शन का नेतृत्व भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद कर रहे थे। दिल्ली पुलिस ने चंद्रशेखर समेत 96 प्रदर्शनकारियों गिरफ्तार कर लिया।
अब खबर आ रही है कि प्रदर्शनकारियों को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजा जा रहा है।
गिरफ्तार किए गए भीम आर्मी के लोगों से मिलने के बाद हरियाणा कांग्रेस की अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश प्रभारी प्रदीप नरवाल ने लिखा- चंद्रशेखर समेत सभी 96 साथियों को 14 दिन के लिए जेल भेजा गया।
दलितों के गुरु संत रविदास का मंदिर तोड़े जाने को लेकर लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों ने बीजेपी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। क्योंकि मंदिर को DDA ने तोडा है और ये विभाग केंद्र सरकार नित दिल्ली के उप राज्यपाल के अधीन आता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर मोदी सरकार और मीडिया पर जमकर बरसे।
सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, “गुरु रविदास मंदिर तोड़ने का विरोध करने पर गरीबों पर देश की राजधानी में बेरहमी से लाठियां भांजती भाजपा सरकार। गरीब अगर आवाज उठाएगा तो अपराधी है। भाजपा है तो मुमकिन है। गोदी मीडिया नहीं दिखाएगा या बताएगा क्योंकि यह सच असुविधाजनक है।”
गुरु रविदास मंदिर तोड़ने का विरोध करने पर ग़रीबों पर देश की राजधानी में बेरहमी से लाठियाँ भांजती भाजपा सरकार।
ग़रीब अगर आवाज़ उठाए तो अपराधी है!
भाजपा है तो मुमकिन है!
गोदी मीडिया नहीं दिखाएगा या बताएगा क्योंकि यह सच असुविधाजनक है! pic.twitter.com/ZkVmMCDxDJ
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 22, 2019
प्रदर्शन के दौरन दलित समाज के लोगों ने नीले गमछों, नीले झंडों और नीले बैनर-पोस्टर लेकर एक सुर में रविदास मंदिर तोड़े जाने का विरोध किया। इस दौरान लोग जय भीम और जय गुरु रविदास के नारे लगा रहे थे। साथ ही दलित समाज का ये भी कहना है कि मोदी सरकार ने कोर्ट के द्वारा मंदिर गिराने के साजिश रची है।