कठुआ और उन्नाव रेप केस पर सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक लोग विरोधी स्वर रेप रोकने की बात कह रहे है।

वही कुछ सोशल मीडिया पर पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी और बीजेपी पर निशाना साध रहे है।क्योकिं जिस तरह का मामला कठुआ रेप में देखा गया है उसे देख इंसानियत फिर से शर्मसार हो गई।

सोशल मीडिया पर एक यूज़र ने लिखा जिन्हें जानवर में अपनी माँ नज़र आती है, उन्हें आठ साल की मासुम में बेटी नज़र नहीं आती। ऐसा कहने पर धार्मिक भावना आहत हो सकती है।


मगर सबसे बड़ा सवाल अभी भी वही है समाज में गाय को माँ का दर्जा देने वाले लोग कठुआ में कैसे आरोपी पक्ष के साथ खड़े हो गए। क्या ये वही लोग जिन्हें गाय में माँ नज़र आती है या फिर माँ बोलना महज एक परंपरा का हिस्सा है उससे ज्यादा कुछ नहीं।

इस सवाल को बार बार उनसे पूछा जाना चाहिए की क्या सच में एक जानवर को माँ का दर्जा देने वाले ये लोग महिलाओं और बच्चियों के लिए कुछ कर सकते है। क्योकिं ये वही लोग है जो महिला को देवी का रूप बताते है इनके पैदा होने को घर में लक्ष्मी आएगी ये कहते है। मगर ज़मीनी हकीक़त कुछ और है।

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