चीन डोकलाम को लेकर भारत की कोई भी बात मानने के लिए तैयार नहीं है। चीन ने डोकलाम पर एक बार फिर भारत को चेताया है। पिछले साल चले गतिरोध पर चीन ने कहा कि भारत को इससे सबक लेना चाहिए। डोकलाम चीन का हिस्सा है।

चीन का यह बयान भारत के राजदूत के उस बयान के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि चीन डोकलाम की स्थिति को बदलने का प्रयास न करे।

गौरतलब है कि पिछले साल डोकलाम में भारत और चीनी सैनिक आमने सामने थे। भारत और चीन के सैनिक पिछले साल 16 जून से 73 दिन तक आमने-सामने थे। इस क्षेत्र में चीनी सड़क बना रहा था। मोदी सरकार चीन के सड़क निर्माण रोकने को अपनी उपलब्धि बता रही थी। लेकिन इसके बाद खबर आई कि चीन ने इस क्षेत्र में सैनिक अड्डे बनाए हैं और अब फिर उस क्षेत्र को अपना अंग बता रहा है।

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने चीन में भारतीय राजदूत गौतम बंबावाले के बयान का जवाब देते हुए कहा कि  डोकलाम चीन का हिस्सा है क्योंकि हमारे पास ऐतिहासिक करार है। यहां चीन की गतिविधियां हमारे सार्वभौम अधिकार के तहत हैं। पुराने हालात बदलने जैसा कुछ भी नहीं है।

चीनी प्रवक्ता ने कहा कि हमारे इकट्ठा कोशिशों और अपनी बुद्धिमानी के कारण पिछले साल हमने इस मुद्दे को ठीक से सुलझा लिया। हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय पक्ष इससे कुछ और सबक लेगा और ऐतिहासिक संधि को मानेगा।

चीन के लगातार बने हुए आक्रामक रुख और मोदी सरकार के ढीले रवैये पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने ट्वीट किया है।

उन्होंने कहा कि चीन ने भारत से कहा कि वो डोकलाम से कुछ सीखे। उन्होंने व्यंग कसते हुए कहा कि पिछले हफ्ते मेरे ट्वीटर अकाउंट पर लोगों ने इस मामले में वोटिंग की। 63% को लगता है कि पीएम मोदी को इस मामले में अपनी हगडिप्लोमेसी (विदेशी नेताओं को गले लगाने की कूटनीति) का प्रयोग करना चाहिए और इसके लिए सार्वजानिक तौर पर रोना चाहिए। देश के लिए, मुझे आशा हैं आप सब (वोट करने वाले) गलत होंगे और 56 इंच की छाती वाले के पास कोई प्लान होगा।


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