उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्‍यमंत्री और मुमुक्षु आश्रम के प्रमुख स्‍वामी चिन्‍मयानंद पर दर्ज शिष्या से रेप का केस वापस लेने का फैसला किया है। इस संबंध में 9 मार्च 2018 को जिला मजिस्ट्रेट, शाहजहांपुर के कार्यालय से एक लेटर जारी किया गया है।

वरिष्‍ठ अभियोजन अधिकारी को भेजे गए इस पत्र में लिखा है कि शासन ने शाहजहांपुर कोतवाली में स्वामी चिन्मयानंद पर दर्ज धारा 376 और 506 आईपीसी का केस वापस लिए जाने का फैसला किया है। अतः शासनादेश के तहत कृत कार्रवाई से अवगत कराने का कष्ट करें, ताकि शासन को भी इस बारे में अवगत कराया जा सके।

ख़बरों के मुताबिक, 25 फरवरी को सीएम योगी आदित्यनाथ स्वामी चिन्मयानंद के आश्रम में आयोजित मुमुक्ष युवा महोत्सव में शिरकत करने के लिए शाहजहांपुर गए थे। 3 मार्च को स्वामी चिन्मयानंद के जन्‍मदिन पर यूपी सरकार के कई वरिष्ठ अफसर उन्हें बधाई देने पहुंचे थे।

इस दौरान शाहजहांपुर के सीडीओ और एडीएम (प्रशासन) जितेंद्र शर्मा ने चिन्मयानंद की आरती उतारी। इसके ठीक 6 दिन बाद जितेंद्र शर्मा द्वारा हस्ताक्षरित जारी पत्र में मुकदमा वापसी की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए गए।

वहीं पीड़िता के पति ने योगी सरकार के इस फैसले को खुद के साथ अन्याय बताया। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार का दायित्व न्याय व्यवस्था बनाए रखते हुए पीड़ितों को इंसाफ दिलाना होता है लेकिन इसके उलट योगी सरकार गुनाहगारों को ही मुक्त कर रही है।

बता दें कि अटल सरकार में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री रहे स्वामी चिन्मयानंद पर बदायूं निवासी उनकी एक शिष्या ने साल 2011 में हरिद्वार स्थित आश्रम में बंधक बनाकर रेप का आरोप लगाया था। साध्वी की शिकायत पर 30 नवंबर, 2011 को स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ शाहजहांपुर कोतवाली में रेप और जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज कराया गया था।

गिरफ्तारी से बचने के लिए स्वामी चिन्मयानंद हाई कोर्ट पहुंचे। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. जिसके बाद से मामला लंबित चल रहा है।

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