पूरे देश के साथ साथ देश के सबसे बड़े सूबे यूपी में भी कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। यूपी की सरकार कोरोना से लड़ने के लिए धरातल पर कोई ठोस काम करने की बजाय डींगे हांकने में व्यस्त है और सीएम योगी आदित्यनाथ चुनावी राज्यों में चुनाव प्रचार में व्यस्त है।

सरकार के इस रवैये से आम जनता और विपक्ष के साथ साथ अब मंत्रियों में भी गुस्सा बढ़ता जा रहा है।

इसी के बीच राजधानी लखनऊ में बदहाल होती स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर यूपी के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने लेटर बम फोड़ दिया है।

कानून मंत्री ने कहा है कि राजधानी में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। हालात काफी चिंताजनक है। मरीजों को न सही इलाज मिल पा रहा है और न अस्पतालों में बेड है। समय पर ऐंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं है।

मंत्री ने राजधानी लखनउ में प्राइवेट लैब में कोविड टेस्ट शुरु कराने की मांग करते हुए अस्पतालों में कोविड बेडों की संख्या में वृद्धि करने और जांच किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने की मांग की है।

कानून मंत्री ने अपने पत्र में इतिहासकार योगेश प्रवीण को हुई असुविधाओं का जिक्र करते हुए कहा है कि सरकारी लापरवाही और समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलने की वजह से उनका असमायिक निधन हो गया।

मंत्री ने कहा कि उन्होंने खुद सीएमओ से बातचीत की लेकिन घंटों तक उन्हें ऐंबुलेंस मुहैया नहीं कराया जा सके।

वर्तमान परेशानियों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले एक साल सप्ताह से जिलों से सैकड़ों फोन कॉल्स आ रहे हैं, जिन्हें हम ठीक से इलाज नहीं दे पा रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि इस विकट परिस्थिति में गंभीर रोगों से ग्रसित नॉन कोविड मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है, इस पर भी ध्यान देने की जरुरत है।

कानून मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार के हालात हो गए हैं, उसे देखते हुए वह 8 अप्रैल को वह सीएमओ जाने वाले थें लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव के आश्वासन देने पर नहीं गए लेकिन आज भी स्थिति संतोषजनक नहीं है।

उन्होंने कहा कि अब भी व्यवस्थाओं में बड़ी सुधार की जरुरत है. अगर इन व्यवस्थाओं को ठीक नहीं किया गया तो पुनः लखनउ में लॉकडाउन लगाने की जरुरत पड़ सकती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here