उत्तर प्रदेश में दो लोकसभा सीट फूलपुर और गोरखपुर पर जल्द ही चुनाव होने हैं। बीजेपी उपचुनाव के प्रचार में भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। खुद योगी आदित्यनाथ प्रचार कर रहे हैं।

रविवार को फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के प्रीतमनगर में बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में योगी आदित्यनाथ ने एक जनसभा किया।

जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा, ‘इस देश के अंदर कोई दलित भी राष्ट्रपति बन सकता है यह काम प्रधानमंत्री मोदी जी ने किया, बीएसपी ने नहीं किया, एसपी ने नहीं किया।’

योगी आदित्यनाथ राष्ट्रपति कोविंद की बात कर रहे थें। लेकिन शायद योगी आदित्यनाथ को ये नहीं पता राम नाथ कोविंद ऐसे पहले राष्ट्रपति नहीं हैं जो दलित समाज से आते हैं। कोविंद से पहले के. आर. नारायणन भी 1997 से 2002 तक राष्ट्रपति रह चुके हैं। के. आर. नारायणन दलित समाज से थे।

के. आर. नारायणन जुलाई, 1997 में राष्ट्रपति बनाए गए थे, उस वक्त देश के प्रधानमंत्री आई. के. गुजराल थें। 14 जुलाई, 1997 को हुए राष्ट्रपति चुनाव का नतीजा जब 17 जुलाई, 1997 को घोषित हुआ तो पता चला कि श्री नारायणन को कुल वैध मतों का 95 प्रतिशत प्राप्त हुआ था।

यह एकमात्र ऐसा राष्ट्रपति चुनाव था जो कि केन्द्र में अल्पमत सरकार के रहते हुए भी समाप्त हुआ। इसमें पूर्व चुनाव आयुक्त टी. एन. शेषन प्रतिद्वन्द्वी उम्मीदवार थे।

शिवसेना के अतिरिक्त सभी दलों ने नारायणन के पक्ष में मतदान किया, जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने यह कहते हुए इनका विरोध किया कि उन्हें भारतीय संस्कृति की जीत का आधार उनका दलित होना है।

तो योगी आदित्यनाथ द्वारा जो सेहरा प्रधानमंत्री मोदी के सिर बांधा जा रहा है वो गलत है। हां, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने एक ऐसे आदमी को मुख्यमंत्री जरूर बनाया जिसपर कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। उस मुख्यमंत्री का नाम है- योगी आदित्यनाथ

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