मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश के लिए आंदोलनों से चर्चा में आईं सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई को शुक्रवार तड़के पुणे पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उन्होंने शिरडी में समाधि शताब्दी कार्यक्रम में पीएम से न मिलने देने पर उनका काफिला रोकने की धमकी दी थी।
देसाई ने गुरुवार को एसपी अहमदनगर को एक चिट्ठी लिखकर सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर बातचीत करने की मांग की थी। लेकिन उनकी इस मांग को नहीं सुना गया, जिसपर उन्होंने पीएम मोदी के काफिले को रोकने की धमकी दी थी।
दरअसल, पीएम मोदी शुक्रवार को शिरडी में समाधि के शताब्दी वर्ष पर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होना था। पीएम के पुणे से शिरडी रवाना होने से पहले शुक्रवार को तड़के देसाई को सहकारनगर पुलिस ने एहतियातन हिरासत में ले लिया।
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बल प्रयोग के ज़रिए पुलिस की गाड़ी में डाली गई तृप्ति ने हिरासत में लिए जाने के बाद कहा कि पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने में जो तत्परता दिखाई है वैसी तत्परता वह केरल में मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध करने वालों के खिलाफ नहीं दिखा रही। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन के लिए पुलिस को महिलाओं की सुरक्षा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि विरोध करने का हमारा संवैधानिक अधिकार है और हमें घर पर ही रोका जा रहा है। यह मोदी जी की ओर से हमारी आवाज़ को दबाने का प्रयास है।
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बता दें कि सबरीमाला मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कड़ा विरोध होने के बीच सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने बीते दिनों कहा था कि वह अभी भी मंदिर जाने के लिए दृढ़ हैं और सबरीमाला जाएंगी।