सीबीआई के बाद रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया और मोदी सरकार के बीच तकरार को लेकर बयानबाज़ियों का दौर जारी है। विपक्ष से लेकर कई पत्रकारों तक ने इस मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा है।
इसी क्रम में अब वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने भी ट्विटर के ज़रिए इसपर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने देश के बड़े संस्थानों में जारी घमासान के लिए साफ़ तौर पर केंद्र की मोदी सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “उर्जित पटेल को यही सरकार लाई। अस्थाना को यही सरकार लाई। वर्मा को यही सरकार लाई। शर्मा को यही सरकार लाई। सिंह साहब इसी सरकार के लाडले थे। स्वामी इसी सरकार के पक्षधर हैं”।
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उन्होंने तंज़ कसते हुए लिखा, “सब अगर बौखलाए, खदबदाए या आपस में लठमलठा हैं तो कसूर किसका है? नेहरु जी का”?
उर्जित पटेल को यही सरकार लाई. अस्थाना को यही सरकार लाई. वर्मा को यही सरकार लाई. शर्मा को यही सरकार लाई. सिंह साहब इसी सरकार के लाडले थे. स्वामी इसी सरकार के पक्षधर हैं . सब अगर बौखलाए, खदबदाए या आपस में लठमलठा हैं तो कसूर किसका है ? नेहरु जी का ?#RBIVsNDA #CBIVsCBI
— Ajit Anjum (@ajitanjum) November 1, 2018
इससे पहले माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा था कि न्यायपालिका, संसद और सीबीआई के बाद मोदी सरकार आरबीआई को बर्बाद करने पर तुली है।
उन्होंने कहा, ‘सरकार संस्थानों को दोष देने की जिस कोशिश में है वह अपनी नाकामियों को छुपाने का एक हथकंडा है।’
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बता दें कि सरकार और आरबीआई के बीच मतभेद तब उजागर हुए, जब बीते शुक्रवार को मुंबई के एक इवेंट में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर डॉ. विरल आचार्य ने कहा था कि केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता को कमज़ोर करना ‘विनाशकारी’ हो सकता है।
जिसपर बाद में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आरबीआई पर भड़ास निकालते हुए कहा था कि जब एनपीए बंट रहा था, तब आरबीआई भी चुप रहा।
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