प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी कहे जाने वाले सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना घूसखोरी के बाद अब घपलेबाज़ी के एक मामले में फंसते नज़र आ रहे हैं।

उनके ख़िलाफ़ सीबीआई में शिकायत की गई है कि गुजरात में पुलिस कमिश्नर रहते हुए उन्होंने पुलिस वेलफेयर फंड के पैसे बीजेपी के पक्ष में चुनाव फंड में ट्रांसफ़र किए।

सेवानिवृत पुलिसकर्मी ने इस संबंध में सीबीआई को तीन ई-मेल भेजे हैं। मेल में राकेश अस्थाना पर पुलिस वेलफेयर फंड के 20 करोड़ रुपए चुनावी फंड के लिए भाजपा के पक्ष में ट्रांसफर करने का आरोप लगाया गया है।

राकेश अस्थाना ने सूरत पुलिस कमिश्नर रहते ये पैसे दिए थे, जिनका 2013 से 2015 की अवधि तक फिर से भुगतान नहीं हुआ।

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शिकायतकर्ता का यह भी दावा है कि इनकम टैक्स विभाग ने टीडीसीएस भरने की नोटिस दी थी। लेकिन इस बारे में पूछे जाने पर अस्थाना भड़क गए थे।

मेल में बताया गया है कि पुलिस कमिश्नर दफ्तर से वेलफेयर फंड से जुड़ा रजिस्टर भी गायब है। इस बारे में एक शिकायत क्राइम ब्रांच-सूरत में दर्ज करवाई गई थी। कमिश्नर दफ्तर, उमरा पुलिस थाना क्षेत्र में आता है। बावजूद इसके शिकायत एंटी डीसीबी में करवाई गई।

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सूरत पुलिस के खाते में 2013 से 2015 के दौरान ये पैसे वापस नहीं आए। सूरत पुलिस कमिश्नर रहते राकेश अस्थाना ने ये बड़ा गोलमाल किया है।

शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि लोकल फंड ऑडिट विभाग में भी इसकी एंट्री मौजूद है। हालांकि इस राशि के बारे में आरटीआई से मांगी गई जानकारी में जवाब नहीं मिला है।

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