#Metoo अब मोदी सरकार के दरवाजे पर भी दस्तक दे चुका है। भाजपा के मंत्री, सांसद और पूर्व संपादक एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है।
दरअसल सात अक्टूर को पत्रकार रोहिणी सिंह ने ट्वीट किया कि ”भारत की पत्रकारिता के इतिहास का सबसे बड़ा Sexual Harasser यौन प्रताड़क सत्ता में बैठा है। ऐसा कैसे हो सकता है किसी ने उसके बारे में नहीं लिखा”
The biggest sexual harasser in the history of Indian journalism is sitting in a position of great power today. How come no one has outed him yet?
— Rohini Singh (@rohini_sgh) October 7, 2018
रोहिणी सिंह के इस ट्वीट के बाद एमजे अकबर पर आरोपों की झड़ी लग गयी। पत्रकार प्रिया रमानी ने लिखा कि उन्होंने पिछले साल ‘वोग’ पत्रिका में अपने साथ हुए यौन शोषण का स्मरण लिखा था लेकिन तब एकजे अकबर के नाम का जिक्र नहीं किया था।
‘ट्रिपल तलाक़ पर संसद में दहाड़ने वाले MJ अकबर क्या तुम्हें यौन शोषण करने में शर्म नहीं आई’?
अब कर रही हूं। प्रिया रमानी ने 2017 की स्टोरी का लिंक शेयर करते हुए लिखा है कि यह कहानी जिससे शुरू होती है, वह एमजे अकबर हैं।
I began this piece with my MJ Akbar story. Never named him because he didn’t “do” anything. Lots of women have worse stories about this predator—maybe they’ll share. #ulti https://t.co/5jVU5WHHo7
— Priya Ramani (@priyaramani) October 8, 2018
प्रिया रमानी के ट्वीट के कुछ घंटों के अंदर ही तीन और महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर आरोप लगाया। ये सभी यौन उत्पीड़न के आरोप हैं।
पत्रकार प्रेरणा सिंह बिंद्रा ने भी एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। एमजे अबकर पर आरोपों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन मोदी सरकार अपने विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर लगे आरोपों पर कुछ भी नहीं बोल रही।
MJ अकबर पर चुप्पी साधने वालीं ‘सुषमा’ अगर विपक्ष में होतीं तो अबतक फांसी की मांग कर देती
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से जब ‘ट्रिब्यून’ की पत्रकार स्मिता शर्मा ने पूछा कि क्या एमजे अकबर के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
जो लोग #MeToo मुहिम को तरह -तरह की दलीलें देकर ख़ारिज कर रहे हैं , उन्हें अकबरनामा और अकबर का कारनामा पढ़ना चाहिए ..
एक जूनियर जर्नलिस्ट लडकी के साथ इतना बड़ा संपादक क्या क्या करने की हिमाक़त कर सकता है , पढ़िए और समझिएhttps://t.co/pkzepgRIep— Ajit Anjum (@ajitanjum) October 10, 2018
वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने एमजे अबकर पर कटाक्ष करते हुए लिखा है ”जो लोग #MeToo मुहिम को तरह-तरह की दलीलें देकर ख़ारिज कर रहे हैं, उन्हें अकबरनामा और अकबर का कारनामा पढ़ना चाहिए। एक जूनियर जर्नलिस्ट लड़की के साथ इतना बड़ा संपादक क्या क्या करने की हिमाक़त कर सकता है, पढ़िए और समझिए।”