24 दिसंबर, 1999. सर्दियों का दिन. देश में अटल बिहारी वाजपेयी की संघ पोषित मजबूत सरकार थी.

इंडियन एयरलाइंस का विमान IC 814 काठमांडू के त्रिभुवन एयरपोर्ट से उड़ा. लेकिन दिल्ली उतरने से पहले ही आतंकवादियों ने विमान को हाइजैक कर लिया और जबरन उसे अफगानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट पर ले गए.

आतंकवादियों की मांग थी कि उनके तीन सबसे बड़े सरगना – मसूद अजहर, उमर शेख और मुस्तफा जरगर को भारत कंधार में आकर रिहा करे, वरना.!

डोभाल बोले- गठबंधन वाली सरकार नहीं चाहिए, ये राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं या BJP के सलाहकार?

सरकार मजबूत थी. उसने एक मजबूत अफसर अजित डोभाल को आतंकवादियों से बातचीत करने में लगाया.

मजबूत सरकार के उस मजबूत अफसर ने कहा कि इन आतंकवादियों को छोड़ना पड़ेगा. केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह खुद उन तीनों को साथ लेकर गए और कंधार में छोड़ आए.

BJP के IT सेल से लेकर सेना के जवान ISI के जासूस बन रहे हैं और डोभाल BJP के लिए वोट मांग रहे हैं

उन तीनों आतंकवादियों और उनके गिरोह ने बाद में हजारों लोगों की जान ले ली. मुंबई कांड भी उन्होंने ही किया.

चाहिए मजबूत सरकार?

– यह लेख वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल की फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है।

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