पीएम मोदी के करीबी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने इशारों ही इशारों में विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधा है।

गुरुवार को सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर में डोभाल ने कहा भारत को अगले 10 साल तक मजबूत, स्थायी और निर्णायक सरकार की जरूरत है। कमजोर गठबंधन देश के लिए बेहद नुकसान पहुंचाने वाला होगा।

अजित डोभाल ने आगे कहा कि, ‘अगर हमें बड़ी ताकत बनना है, तो हमारी अर्थव्यवस्था भी बड़ी होनी चाहिए, वैश्विक स्तर पर प्रतियोगी होनी चाहिए, और ऐसा तभी हो सकता है, जब हमारी अर्थव्यवस्था तकनीकी रूप से आगे हो।’

अजीत डोभाल अपने पूरे भाषण में अप्रत्यक्ष रूप से मोदी सरकार के कसीदे पढ़ते रहे। बातों ही बातो में अजीत डोभाल ने मोदी सरकार द्वारा अंबानी ब्रदर्स को फायदा पहुंचाए जाने को भी जस्टिफाई कर दिया।

डोभाल बोले- गठबंधन वाली सरकार नहीं चाहिए, ये राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं या BJP के सलाहकार?

डोभाल ने कहा ‘देखिए, चीन की ‘अलीबाबा’ और अन्य किस तरह बड़ी कंपनियां बन गईं, चीन की सरकार ने उन्हें कितना समर्थन दिया। हम चाहते हैं कि भारतीय निजी क्षेत्र की कंपनियां अच्छा प्रदर्शन करें, और भारत के रणनीतिक हितों को बढ़ावा दें।’

डोभाल के इस बयान पर सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया (गोदी मीडिया को छोड़तक) तक में सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सवाल ये कि अजीत डोभाल NSA हैं या बीजेपी प्रवक्ता?

लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल ने अजीत डोभाल पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ‘अजित डोभाल राजनीति बतियाने लगे! चीन PoK में पाँव जमा चुका है! ग्वादर, हम्बनटोटा हमारे गले की फांस बन चुके हैं!

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