बोलता उत्तर प्रदेश (लखनऊ) : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव देश का सबसे मुख्य चुनाव कहा जाता है। अगले साल 2022 के पहले तिमाही में ये चुनाव होना है।
अगर चुनावी माहौल की बात की जाय तो समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी आमने सामने दिखती नज़र आ रही हैं। सत्ताधारी भाजपा सरकार चुनावी समर में कूद चुकी है। सत्ता के साढ़े चार साल बीतने के बाद अब भाजपा लगभग हर हफ्ते किसी न किसी जनपद में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करते दिख रहे हैं।
इस बीच भाजपा सरकार एक तुलनात्मक नारा भी लेकर आई है ‘फर्क साफ है’। इसी नारे के साथ भाजपा पोस्टर छाप रही है। जिसमें सपा सरकार से अच्छा कार्य भाजपा सरकार में किए गए को ‘फर्क साफ है’ कह रही है।
भाजपा के इस नारे के जवाब में शनिवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा ने लोगों को क्योटो का सपना दिखाया सपा ने यूपी में मैट्रो चलाया ‘फर्क साफ है’।
समाजवादियों ने बेटियों को रानी लक्ष्मीबाई सम्मान दिया जबकि भाजपा ने पंचायत चुनाव में बेटियों की साड़ी खिंचवाई ‘फर्क साफ है’। सपा सरकार में विकास कार्य हुआ है वहीं भाजपा सरकार में नाम बदला गया ‘फर्क साफ है’। सपा सरकार में युवाओं को लैपटॉप दिया गया भाजपा सरकार ने युवाओं को लाठी दिया फर्क साफ है. ये बातें अखिलेश यादव ने कहीं.
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संवाददाता सम्मेलन से पहले यूपी के सभी पार्टी जिलाध्यक्षों और विधानसभा अध्यक्षों के साथ बैठक की। बैठक के संबंध में अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी उसी को चुनाव के मैदान में उतारेगी जो जमीनी स्तर पर समाज और पार्टी के लिए काम कर रहा। इन्हीं मसलों पर अध्यक्षों से राय ली गई है।
यूपी विधानसभा चुनाव सपा बनाम भाजपा बनता दिख रहा है, अभी चुनाव में तीन से चार महीने हैं। अब देखना ये होगा कि मतदाता ईवीएम के किस चुनाव चिन्ह पर भरोसा करती है, वक्त बायेगा?
यह भी पढ़ें :मोदी का बयान-लाल टोपी वाले रेड अलर्ट हैं, अखिलेश बोले-लाल टोपी का इंक़लाब होगा, 2022 में बदलाव होगा