बोलता उत्तर प्रदेश (लखनऊ) : धार्मिक राजनीति में माहिर भारतीय जनता पार्टी समय-समय पर धार्मिक बाढ़ फेंकती रहती है. इसी क्रम में गरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में कहा कि हमें रामराज्य चाहिए, समाजवाद नहीं.

योगी आदित्यनाथ के धार्मिक बातों के जवाब में समाजवादी पार्टी के नेता रामराज्य और समाजवाद की परिभाषा बताते हुए दिखे. सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रामराज्य का पर्याय ही समाजवाद है बताते हुए कहा कि समाज में सबके लिए भेदभावहीन और समानता के साथ निरंतर कार्य के लिए प्रयासरत रहना और करना ही समाजवाद और रामराज्य के मूल सिद्धांत हैं. रामराज्य का पर्याय ही समाजवाद है.

 

इसी साल यूपी में पंचायत चुनाव हुए जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में सदस्यों को वोट देने के लिए डराने और धमकाने के कई मामले सामने आये थे. ऐसे ही मामलों को लेकर अखिलेश यादव ने योगी आदित्याथ को रामराज्य की परिभाषा समझाते हुए कहा कि रामराज्य में अभ्यत्व की स्थापना की जाती है, पीछे से वार नहीं किया जाता है.

इसके अलवा सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आई.पी. सिंह ने योगी आदित्यनाथ के रामराज्य चाहिए, समाजवाद नहीं वाले बयान पर कहा कि योगी आदित्याथ के इस बयान से स्पष्ट हो गया है कि उन्हें न राम की समझ है और न ही समाजवाद की.

यूपी में 2022 में विधानसभा चुनाव हैं, फिर से सत्ता में आने के लिए भाजपा हर हथकंडे अपना रही है और चुनाव को धार्मिक रंग देने में भाजपा माहिर है. अभी चुनाव के दो से तीन महीने हैं योगी आदित्यनाथ के रामराज्य वाले बयान के अलावा समय-समय पर धार्मिक नारे, सभाएं और जुलूस देखने को मिलेंगे.

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